सीतापुर: राज्यपाल आनंदीबेन पटेल बीती 30 दिसंबर को नैमिषारण्य तीर्थ की धार्मिक यात्रा पर आईं थीं. इसी दौरान उन्होंने रुद्रावर्त तीर्थ के रास्ते पर मधुमक्खी पालन के लघु उद्योग को देखा और वहां कुछ देर के लिए रुकी थीं. शहद का स्वाद चखने के बाद प्लांट पर मौजूद लोगों से बातचीत कर जानकारी हासिल की थी. इस घटनाक्रम के एक सप्ताह बीत जाने के बाद ईटीवी भारत की टीम उसी प्लांट पर पहुंची, लेकिन वहां का नजारा पहले जैसा ही नजर आया.
सीतापुरः राज्यपाल के दौरे का नहीं पड़ा मधुमक्खी पालन के प्लांट पर कोई असर
सीतापुर जिले में नैमिषारण्य तीर्थ के दौरे पर राज्यपाल आंनदीबेन पटेल ने अपना काफिला रुकवाकर शहद का स्वाद चखा था, लेकिन अबतक मधुमक्खी पालन करने वाले लोगों की स्थिति में कोई सुधार देखने को नहीं मिला.
नैमिषारण्य तीर्थ के दौरे पर आईं राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने जब मधुमक्खी पालन के प्लांट को देखकर अचानक अपना काफिला रुकवाकर शहद का स्वाद चखा था, तो अधिकारियों का हुजूम टकटकी बांधकर इस नजारे को देख रहा था. उम्मीद थी कि नैमिषारण्य के इस शहद की ब्रांडिंग होगी और इसका व्यवसाय करने वाले के दिन बहुरने लगेंगे, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ. काफिले के गुजरने के बाद सारी उम्मीदे गुबार में ही गुम हो गईं.
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मधुमक्खी पालन करने वाले बिहार के मुज्जफरनपुर निवासी चन्द्रशेखर ने बताया कि यहां यूकेलिप्टस के पेड़ और सरसों की फसल देखकर यह प्लांट किराए की जमीन पर चला रखा है. वह इटैलियन मक्खी के जरिये शहद का उत्पादन कर रहा है. इस मक्खी का शहद वह एक निजी कम्पनी को पहले से सप्लाई कर रहा है. उन्होंने बताया कि राज्यपाल के दौरे को लेकर उनके व्यवसाय पर फिलहाल कोई फर्क नहीं पड़ा है, जैसी स्थितियां पहले थीं, वैसी ही आज भी हैं.