सीतापुर: शहरी इलाके में आगजनी की घटना होने पर फायर ब्रिगेड की टीम को तत्काल पानी मुहैया कराने के मकसद से नगर पालिका ने फायर हाइड्रेंट की स्थापना की थी. शहर के विभिन्न प्रमुख स्थानों पर यह फायर हाइड्रेंट लगाए गए थे. यह व्यवस्था काफी पुराने समय से लागू है. उस दौर में यह फायर हाइड्रेंट काफी प्रभावी ढंग से कम करते थे लेकिन समय बदलने के साथ ही इन फायर हाइड्रेंट को उपेक्षित कर दिया गया है.
सीतापुर: शहर में आग लगी तो मुश्किल होगा रोकना, वर्षो से खराब पड़े है फायर हाइड्रेंट - 46 हाइड्रेंट क्रियाशील
शहर में आग की घटनाओं पर तत्काल काबू पाने के लिए फायर ब्रिगेड की गाड़ियों को पानी मुहैया कराने के उद्देश्य से स्थापित किये गए अधिकांश फायर हाइड्रेंट खराब पड़े हैं. ऐसे में यदि शहर के भीतर अग्निकांड की कोई बड़ी घटना हो जाती है तो उस पर काबू पाना आसान नहीं होगा. फायर ब्रिगेड ने इन फायर हाइड्रेंट को दुरुस्त कराने और नए हाइड्रेंट की स्थापना के लिए नगर पालिका प्रशासन को कई बार पत्र लिखे हैं लेकिन अभी तक उस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है.
फायर हाइड्रेंट के बिगड़ने के बाद इनकी मरम्मत में लापरवाही की गई है. पूरे शहर में करीब 48 फायर हाइड्रेंट स्थापित हैं. नगर पालिका के मुताबिक इनमें 46 हाइड्रेंट क्रियाशील हैं और सिर्फ 2 फायर हाइड्रेंट ही निष्क्रिय हैं. जबकि फायरब्रिगेड के मुताबिक ये सभी फायर हाइड्रेंट किसी काम के नहीं हैं.
ये सारे फायर हाइड्रेंट अनुपयोगी हैं जरूरत पड़ने पर इनसे कोई मदद सम्भव नहीं है. उन्होंने यह भी बताया कि इन्हें दुरुस्त कराने और नए फायर हाइड्रेंट स्थापित करने के लिए नगर पालिका से कई बार पत्राचार किया गया है लेकिन अभी तक कोई रिस्पांस नही मिला है.
एनपी सिंह, मुख्य अग्निशमन अधिकारी