उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

सीतापुर में कृषि कानूनों के विरोध में किसनाों ने निकाला ट्रैक्टर मार्च - किसनाों ने निकाला ट्रैक्टर मार्च

सीतापुर में किसान बिल के विरोध को लेकर किसानों के द्वारा ट्रैक्टर मार्च का आयोजन किया गया. सैकड़ों किसान ट्रैक्टरों से जिला मुख्यालय पहुंच गए और ट्रैक्टर रैली निकालने का प्रयास करने लगे, इस दौरान किसानों ने जमकर नारेबाजी की.

किसनाों ने निकाला ट्रैक्टर मार्च
किसनाों ने निकाला ट्रैक्टर मार्च

By

Published : Jan 7, 2021, 4:58 PM IST

सीतापुर:उत्तर प्रदेश के सीतापुर में किसान बिल के विरोध को लेकर किसानों के द्वारा ट्रैक्टर मार्च का आयोजन किया गया. जिसे लेकर सुबह से ही किसान जिले की विभिन्न तहसीलों से मुख्यालय आने का क्रम शुरू हो गया था. इसे लेकर जिला और पुलिस प्रशासन ने भारी सुरक्षा व्यवस्था के इंतजाम कर रखे थे, लेकिन किसानों के आंदोलन के आगे सारी व्यवस्था धरी की धरी रह गई.

सैकड़ों किसान ट्रैक्टरों से जिला मुख्यालय पहुंच गए और ट्रैक्टर रैली निकालने का प्रयास करने लगे, इस दौरान किसानों ने जमकर नारेबाजी की. वहीं झरेखापुर में रोके गए किसानों को जिला मुख्यालय पर न आने देने से प्रशासन और किसानों के बीच बात बिगड़ गई और किसान हाईवे जाम करने के लिए निकल पड़े लेकिन मौके पर मौजूद जिला और पुलिस प्रशासन के अधिकारियों ने किसी तरह से उन्हें समझा-बुझाकर हाईवे जाम ना करने को कहा, जिस पर किसान मान गए. किसान नेता ने कहा कि जब तक कृषि बिल वापस नहीं होगा तब तक आर पार की लड़ाई ऐसे ही जारी रहेगी.


किसान मंच के नेता उमेश पांडे ने बताया कि "इस देश में अपनी गाड़ी पर तिरंगा लगाकर चलने की किसानों को अनुमति नहीं है. किसान नेता अमरजीत का कहना है सबसे पहले तो सरकार के द्वारा यह तीनों काले बिल वापस लिए जाएं. एमएसपी से नीचे अगर कोई खरीद करता है तो उसको सजा होनी चाहिए. हमारे किसान भाइयों को जबरदस्ती रोका गया है. 100 ट्रैक्टर हरगांव में फंसे हुए हैं और 50 ट्रैक्टरों को रस्योरा में रोक लिया गया है. सरकार किसी बात को खुलकर नहीं कह रही है. अब तक जो वार्ता हुई है उसमें सिर्फ सरकार के द्वारा यही कहा गया है कि क्या आप बिल वास्तव में वापस लेना चाहते हैं. अगर इतनी ही वार्ता करनी थी तो सरकार किसी से भी पूछ सकती थी. वार्ता के लिए बुला कर इस तरह की बात कर रहे हैं तो इसका मतलब है कि आप किसानों को टहला रहे हैं. सरकार खुद चाहती है कि किसानों का यह आंदोलन लंबा चले."

ABOUT THE AUTHOR

...view details