सीतापुर:जिले में खरीफ की फसल की बुआई का दौर लगभग पूरा हो चुका है. किसानों ने खरीफ की फसल के अंतर्गत दलहनी और तिलहनी फसलों की भी बुआई की है, लेकिन सबसे अधिक प्राथमिकता गन्ने की फसल को दी है. यहां धान की फसल का रकबा दूसरे स्थान पर है. कृषि विभाग के अधिकारियों के मुताबिक अभी तक वर्षा सामान्य से थोड़ी कम जरूर हुई है, मगर रुक-रुक कर और समय से बारिश होने के कारण यह फसलों के लिए काफी अनुकूल है.
किसानों ने की फसल की बुआई
कृषि विभाग से उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार जिले में 2 लाख 30 हजार 907 हेक्टेयर में खरीफ की फसल की बुआई की गई है. इसमें 1 लाख 62 हजार 707 हेक्टेयर भूमि में सिर्फ धान की बुआई की गई है. इसके अलावा 11 हजार 811 हेक्टेयर में मक्का, 7216 हेक्टेयर में ज्वार, 2449 हेक्टेयर में बाजरा की फसल बोई गई है. इसके अलावा 22 हजार 869 हेक्टेयर में दलहनी फसलों की बुआई की गई है, जबकि 13 हजार 855 हेक्टेयर में दलहनी फसलों की बुआई की गई है. किसानों की पहली पसंद गन्ने की फसल रही है. इस बार किसानों ने करीब 2 लाख हेक्टेयर भूमि पर गन्ने की फसल की बुआई की है.
जानकारी देते जिला कृषि अधिकारी अखिलानंद पाण्डेय
जिला कृषि अधिकारी अखिलानंद पाण्डेय के अनुसार गन्ने की फसल को नकदी फसल माना जाता है. इसके साथ ही यह सबसे सुरक्षित फसल होती है, इसलिए यहां का किसान गन्ने की पैदावार को सबसे मुफीद मानता है. इस बार भले ही सामान्य से कुछ कम बारिश हुई है, लेकिन समय से हुई बारिश फसलों के लिए काफी फायदेमंद रही है. पूरे जिले में खरीफ फसलों की बुआई का काम लगभग पूरा हो चुका है. इसके अलावा यूरिया की टॉप ड्रेसिंग का काम अंतिम दौर में चल रहा है.