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सीतापुर: बारिश ने जगाई किसानों में नई उम्मीद, खिले चेहरे

सीतापुर में बारिश से जहां किसानों की सिंचाई के खर्च से राहत मिल गई. वहीं यह पानी फसलों के लिए अमृत की तरह साबित हो रहा है. किसानों को उम्मीद है कि इस बार उनकी खरीफ की फसल में कीड़े न लगने और पर्याप्त बारिश होने से पिछले वर्ष के मुकाबले फसल की अच्छी पैदावार होगी.

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Published : Aug 16, 2020, 11:51 AM IST

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बारिश से किसानों को काफी उम्मीद

सीतापुर:जिले में खरीफ की फसल की बुआई का दौर लगभग पूरा हो चुका है. किसानों ने खरीफ की फसल के अंतर्गत दलहनी और तिलहनी फसलों की भी बुआई की है, लेकिन सबसे अधिक प्राथमिकता गन्ने की फसल को दी है. यहां धान की फसल का रकबा दूसरे स्थान पर है. कृषि विभाग के अधिकारियों के मुताबिक अभी तक वर्षा सामान्य से थोड़ी कम जरूर हुई है, मगर रुक-रुक कर और समय से बारिश होने के कारण यह फसलों के लिए काफी अनुकूल है.

किसानों ने की फसल की बुआई
कृषि विभाग से उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार जिले में 2 लाख 30 हजार 907 हेक्टेयर में खरीफ की फसल की बुआई की गई है. इसमें 1 लाख 62 हजार 707 हेक्टेयर भूमि में सिर्फ धान की बुआई की गई है. इसके अलावा 11 हजार 811 हेक्टेयर में मक्का, 7216 हेक्टेयर में ज्वार, 2449 हेक्टेयर में बाजरा की फसल बोई गई है. इसके अलावा 22 हजार 869 हेक्टेयर में दलहनी फसलों की बुआई की गई है, जबकि 13 हजार 855 हेक्टेयर में दलहनी फसलों की बुआई की गई है. किसानों की पहली पसंद गन्ने की फसल रही है. इस बार किसानों ने करीब 2 लाख हेक्टेयर भूमि पर गन्ने की फसल की बुआई की है.

जानकारी देते जिला कृषि अधिकारी अखिलानंद पाण्डेय
जिला कृषि अधिकारी अखिलानंद पाण्डेय के अनुसार गन्ने की फसल को नकदी फसल माना जाता है. इसके साथ ही यह सबसे सुरक्षित फसल होती है, इसलिए यहां का किसान गन्ने की पैदावार को सबसे मुफीद मानता है. इस बार भले ही सामान्य से कुछ कम बारिश हुई है, लेकिन समय से हुई बारिश फसलों के लिए काफी फायदेमंद रही है. पूरे जिले में खरीफ फसलों की बुआई का काम लगभग पूरा हो चुका है. इसके अलावा यूरिया की टॉप ड्रेसिंग का काम अंतिम दौर में चल रहा है.

खरीफ की फसल के लिए बारिश फायदेमंद

आमतौर पर खरीफ की फसल की बुआई का समय 1 जून से 15 जुलाई के मध्य माना जाता है. इसको ध्यान में रखते हुए किसानों ने खरीफ फसलों की बुआई का कार्य लगभग पूरा कर लिया है. इस दौरान समय-समय पर हुई बारिश फसल के लिहाज से काफी फायदेमंद रही है.

खरीफ की फसल के लिए बारिश फायदेमंद
मिश्रित क्षेत्र के प्रगतिशील किसान श्रीश त्रिवेदी ने बताया कि इस बार की बारिश किसानों के लिए सबसे ज्यादा मुफीद रही है. मौजूदा समय मे यूरिया का छिड़काव किया जा रहा है, जिसके लिए यह बारिश काफी फायदेमंद है. जिले में शुगर मिलों की अधिकता होने के कारण किसान सबसे ज्यादा गन्ने की ही पैदावार करते हैं, जबकि दूसरे नंबर पर धान की फसल है. इसके अलावा मक्का आदि की फसल को भी किसान पसंद कर रहे हैं.

गन्ना और धान ही मुख्य फसल
रामकोट क्षेत्र के ग्राम रस्यूरा निवासी किसान संतोष सिंह ने बताया कि इस पूरे इलाके में गन्ना और धान ही मुख्य फसल है. इस बार पिछले वर्ष के मुकाबले अच्छी बारिश हो रही है. लिहाजा किसानों को अच्छी पैदावार की उम्मीद है. इस बार बारिश ने किसानों का बहुत साथ दिया है. इसके अलावा खेत में कीड़े-मकोड़े भी नहीं है. इसके चलते इस बार खरीफ की फसल में अच्छी पैदावार और मुनाफे की उम्मीद की जा रही है.

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