सीतापुर: जिले में एक महिला का एंबुलेंस में ही सुरक्षित प्रसव कराने पर ईएमटी, पॉयलट और आशा की पूरे स्वास्थ्य विभाग में प्रशंसा हो रही है. यही नहीं पहले तो एंबुलेंस में प्रसव कराया, उसके बाद जच्चा और बच्चा दोनों को जिला महिला अस्पताल में भर्ती कराया, जहां दोनों प्रशिक्षित डॉक्टरों की देख रेख में हैं.
ईएमटी, पॉयलट और आशा ने एंबुलेंस में कराया प्रसव, CMO करेंगी सम्मानित - safe delivery in ambulance in sitapur
उत्तर प्रदेश के सीतापुर में एंबुलेंस में सुरक्षित प्रसव कराकर एक नवजात की जान बचाने के साथ ही जच्चा और बच्चा को सुरक्षित जिला महिला अस्पताल में भर्ती कराने पर ईएमटी, पॉयलट और आशा की पूरे स्वास्थ्य विभाग में प्रशंसा हो रही है.
दरअसल, सुबह एम्बुलेंस सेवा 102 के एक इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन (ईएमटी) को फोन पर सूचना दी गई कि एक गर्भवती को लेकर जिला चिकित्सालय आना है. जिसके बाद एम्बुलेंस चालक (पॉयलट) बिना देरी किए एम्बुलेंस लेकर एलिया ब्लॉक के मलकानगर गांव में पहुंच कर प्रसव पीड़ा से कराह रही देवकी 35 वर्ष को जिला महिला चिकित्सालय के लिए रवाना हो गए. एम्बुलेंस में आशा कार्यकर्ता के साथ ही देवकी के पति रविंद्र और परिवार की एक अन्य महिला भी थे.
वहीं, एम्बुलेंस अभी कुछ ही दूरी तय कर पाती है, कि देवकी प्रसव पीड़ा से तड़प उठती है. उसकी स्थिति देखकर ईएमटी शोएब हसन साथी पॉयलट हरी शंकर से एम्बुलेंस को सड़क के किनारे खड़ी करने को कहते हैं. इसके बाद वह अपने अनुभवों का लाभ लेते हुए पॉयलट व आशा कार्यकर्ता बिट्टो देवी के साथ मिलकर एंबुलेंस में ही देवकी का सुरक्षित प्रसव कराते हैं.
देवकी ने सुबह लगभग 7.44 बजे स्वस्थ बेटे को जन्म दिया. जन्म के तुरंत बाद एम्बुलेंस में जैसे ही नवजात ने रोना शुरू किया, एम्बुलेंस में मौजूद इन तीनों के चेहरों पर मुस्कान दौड़ गई. एंबुलेंस में सुरक्षित प्रसव कराकर एक नवजात की जान बचाने और जच्चा और बच्चा को सुरक्षित जिला महिला अस्पताल में भर्ती कराने पर ईएमटी, पॉयलट और आशा की पूरे स्वास्थ्य विभाग में प्रशंसा हो रही है.
ईएमटी शोएब हसन का कहना है कि देवकी को बहुत तेज प्रसव पीड़ा हो रही थी, ऐसे में यदि हम उसको लेकर अस्पताल तक ले जाते तो समय लगता और देर होने पर उसके साथ ही उसके बच्चे को भी जान का खतरा हो सकता था. इसलिए ट्रेनिंग में मिली जानकारी का उपयोग कर सुरक्षित प्रसव कराया है. वह बताते हैं कि शुरूआत में महिला की स्थिति देख कर लग रहा था कि स्थिति नियंत्रण से बाहर होगी. लेकिन हमने धैर्य से काम लिया और प्रशिक्षण में मिली जानकारी काम आई. आखिरकार हम सब एक सफल प्रसव कराकर जच्चा-बच्चा की जान बचाने में सफल रहे.
सीएमओ डॉ. मधु गैरोला का कहना है कि ईएमटी शोएब हसन, पॉयलट हरी शंकर और आशा बिट्टो देवी को इस उल्लेखनीय कार्य के लिए शीघ्र ही सम्मानित किया जाएगा.