सीतापुर : करीब दो दशक से बंद पड़ी सीतापुर प्लाईवुड फैक्ट्री के कर्मचारी अब भी अपने बकाया भुगतान को पाने के लिए संघर्ष करने में जुटे हुए हैं. इसी कड़ी में उन्होंने सोमवार को जिलाधिकारी अखिलेश तिवारी से मुलाकात कर फैक्ट्री का अधिग्रहण करने के लिए भारत सरकार को पत्र लिखने और अपने बकाया भुगतान के लिए कार्रवाई करने की मांग की.
भारतीय मजदूर संघ के तत्वावधान में प्लाईवुड कर्मचारी संघ के लोगों ने जिलाधिकारी से मुलाकात कर पिछले समय मे हुई कार्रवाई से उन्हें अवगत कराया. इसके साथ ही फैक्ट्री के अधिग्रहण की कार्रवाई के लिए भारत सरकार को पत्र भेजने का अनुरोध किया.
सीतापुर: बकाया भुगतान को लेकर जिलाधिकारी से मिले प्लाईवुड फैक्ट्री के कर्मचारी कर्मचारियों ने बताया कि यह अंग्रेजों द्वारा स्थापित फैक्ट्री थी और फेरा कानून के तहत इसका स्वामित्व परिवर्तन नही हो सकता है. इस फैक्ट्री में बन्दी के समय पांच सौ से ज्यादा कर्मचारी कार्यरत थे, जिनका तमाम बकाया अभी बाकी है. इसमे पेंशन, ग्रेच्युटी आदि भी शामिल है. इस बकाया भुगतान के लिए यहां के अधिकारी जांच कर शासन को रिपोर्ट भेजने की कार्रवाई करें ताकि अब जीवित बचे कर्मचारियों का जीवन भुखमरी की स्थिति से बच सके.
मजदूर संगठन के नेताओं ने बताया कि अभी करोड़ों रुपये का बकाया फैक्ट्री के ऊपर है. फिर भी कानूनी पेंच निकालकर इस भुगतान को लटकाया जा रहा है. सरकार इस फैक्ट्री का अधिग्रहण करके उसके मुआवजे की क्षतिपूर्ति के रूप में अगर कर्मचारियों का बकाया भुगतान कर दे तो इससे सारी समस्या का समाधान हो सकता है. फिलहाल डीएम ने प्रतिनिधिमंडल को मामले की जांच और वास्तविक तथ्यों का पता लगाने के लिए चार दिन का समय दिया है.