सीतापुर: जिलाधिकारी विशाल भारद्वाज की अध्यक्षता में रामकोट स्थित राजकीय कृषि एवं बीज संवर्धन प्रक्षेत्र में फसल अवशेष प्रबन्धन कार्यक्रम के अन्तर्गत जनपद स्तरीय किसान गोष्ठी हुई. इसमें जिलाधिकारी ने कृषि विभाग के स्टॉलों का निरीक्षण किया. गोष्ठी में कृषि वैज्ञानिकों एवं विभागीय अधिकारियों ने किसानों को आवश्यक जानकारियां दीं. इस अवसर पर छह कृषक समूहों को अनुदान पर फार्म मशीनरी बैंक स्थापित करने के लिए ट्रैक्टर की चाबी सौंपी गई. किसानों को इस कार्यक्रम में स्टॉल लगाकर पराली जलाने से होने वाले नुकसान और पराली प्रबन्धन के बारे में जानकारी दी गई. कृषि यंत्र मल्चर, पैडी स्ट्रा चापर और सुपर सीडर का उपयोग करके दिखाया गया.
पराली प्रबंधन पर हुई चर्चा
कार्यक्रम में जिलाधिकारी ने कहा कि कार्यक्रम का मुख्य विषय पराली प्रबन्धन है. पराली से होने वाला नुकसान सर्वविदित है. फसल के अवशेष जलाने से प्रदूषण होता है. साथ ही सहयोगी कीट और बैक्टीरिया पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है. प्रदूषण का असर हमारे स्वास्थ्य एवं वातावरण पर भी पड़ता है. इससे सांस की बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को दिक्कत होगी.
सरकार का यह प्रयास है कि पराली जलाने की कुप्रथा खत्म की जाए. जिलाधिकारी ने बताया कि पराली को खेत में छोड़कर और डिकम्पोजर का प्रयोग करके अगले सीजन के लिए खाद तैयार की जा सकती है. इससे खर्च में भी कमी आएगी.