सीतापुर: 88 हजार ऋषियों की तपोभूमि नैमिषारण्य से होकर गुजरने वाली आदिगंगा गोमती नदी में कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई. यहां श्रद्दालुओं ने अपने पापों से छुटकारा पाने के साथ-साथ मोक्ष की कामना की. आदिगंगा गोमती में स्नान करने वालो में स्त्री, पुरुष, वृद्ध और बालक समेत हर वर्ग के लोग शामिल थे. तड़के सुबह शुरू हुआ स्नान का सिलसिला दिन चढ़ने के साथ ही बढ़ता जा रहा है.
नैमिषारण्य में सोमवती अमावस्या और कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान का विशेष फल माना जाता है. इन अवसरों पर यहां स्नानार्थियों की भारी भीड़ उमड़ती है. यहां आने वाले श्रद्धालु चक्रतीर्थ और आदिगंगा गोमती नदी में स्नान कर अपने पापों से छुटकारा पाने समेत मोक्ष की कामना करते हैं. उन्हें यह विश्वास रहता है कि आदिगंगा उनके पापों को धुलकर उनकी मनोवांछित कामनाओं की पूर्ति करेंगी. सुबह की पौ फटने से पहले ही नैमिषारण्य के राजघाट पर श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला शुरू हो गया.