सीतापुर: कोरोना संक्रमण के कारण लागू हुए लॉकडाउन के बाद दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों और कामगारों ने बड़े पैमाने पर अपने गृह जनपद वापसी की है. अब इन प्रवासी लोगों के सामने अपने गृह जनपद में रोजगार की उपलब्धता एक बड़ी चुनौती है. साथ ही प्रशासन के लिए भी यह काफी मुश्किल भरा कार्य है. केंद्र और राज्य सरकार ने इस दिशा में पहल करते हुए अपनी नवीन योजनाओं को लागू करते हुए बजट भी जारी कर दिया है. उद्यमियों से आवेदन मांगे गये हैं.
प्रवासी कामगारों के लिए सीतापुर में ही होगा रोजगार सृजन : उपायुक्त उद्योग
इस कोरोना काल में दूसरे राज्यों से आये प्रवासी कामगारों और मजदूरों के लिए रोजगार सृजन की रणनीति पर प्रशासन ने काम शुरू कर दिया गया है. केंद्र और राज्य सरकार ने इसके लिए बजट भी जारी कर दिया है. इस बजट के मिलने के बाद सीतापुर में इकाइयों को स्थापित करने के लिए उद्यमियों से आवेदन मांगे गये हैं.
उपायुक्त उद्योग आशीष गुप्ता ने ईटीवी भारत को बताया कि मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के तहत सीतापुर को 1 करोड़ 68 लाख रुपये जारी किये गये हैं. इससे 87 इकाइयां स्थापित हो सकेंगी और उनके माध्यम से लोगों को रोजगार दिया जाएगा. दूसरी केन्द्र सरकार की योजना प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम है. इस योजना के तहत डेढ़ करोड़ रुपये का बजट मिल चुका है और इस योजना के तहत अब तक 45 आवेदन प्राप्त हुये हैं. प्रवासी लोग भी आवेदन दे सकते हैं.
इसके अलावा राज्य सरकार की ओडीओपी यानी एक जिला एक उत्पाद के तहत गत वित्तीय वर्ष में 1 करोड़ 25 लाख रुपये का बजट प्राप्त हुआ था. इसलिए इस बार भी एक करोड़ का बजट प्राप्त होने की उम्मीद है. इन तीनों योजनाओं के माध्यम से प्रवासी मजदूरों और कामगारों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे. उपायुक्त उद्योग ने यह भी बताया कि सरकार की मंशा लोकल को शक्ति बनाकर वोकल को मजबूत करना है. इसलिए गांवों में ही रोजगार का सृजन करके सभी को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने पर पूरा जोर दिया जाएगा.