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राप्ती नदी के किनारे लगाए गए पेड़ों की कटाई पर वन विभाग मौन

यूपी के सिद्धार्थनगर जिले में पेड़ों की धड़ल्ले से हो रही कटाई हो रही है, लेकिन वन विभाग पर मौन है. ऐसे में विभाग पर कई सवाल खड़े कर रहा है. बाढ़ प्रभावित जिला होने के चलते बूढ़ी राप्ती नदी के किनारे गुटेल के वृक्ष लगाए गए थे. जिन्हें तेजी से कटा जा रहा है.

सेमल और भिलाई पेड़ों की कटान जोरों पर
सेमल और भिलाई पेड़ों की कटान जोरों पर

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Published : Jan 13, 2021, 9:51 AM IST

सिद्धार्थनगर:जिले में सेमल और भिलाई (गुटेल) के पेड़ों का कटान तेजी से हो रहा है. अक्सर सड़क किनारे लोग इन लकड़ियों ट्रकों में लोड करते दिखाई देते हैं. गुटेल के पेड़ों की कटान उत्तर प्रदेश में फ्री है. लेकिन, यह जिला बाढ़ प्रभावित है, इसके चलते यहा पर गुटेल के वृक्ष लगाए गए थे. इस इलाके से बूढ़ी राप्ती नदी गुजरती है. राप्ती नदी पर बने बांधों के किनारों को कटान से बचाने के लिये सरकार ने गुटेल का वृक्षा लगवाया था. लेकिन, गुलेट के वृक्ष का कटान फ्री होने के कारण लगातार इन पेड़ों को काटा जा रहा है.

सेमल और भिलाई पेड़ों की कटान जोरों पर

वन विभाग दे रहा अपना तर्क

मिश्रौलिया थाना क्षेत्र के महरथा में गुटेल के पेड़ काटने के साथ लमतिया गांव के करीब नदी और बंधे के बीच जामुन के जंगल से पेड़ काटने का मामला सामने आया है. वहीं मामला सामने आने के बाद वन विभाग का अपना ही तर्क दे रहा है. उनका कहना है कि गुटेल प्राजाति की लकड़ियों की कटान सरकार की तरफ से फ्री है, इसी का फायदा उठाकर लोग लगातार पेड़ों की कटान कर रहे हैं.

12 लोगों के खिलाफ की गई कार्रवाई

इस दौरान वन विभाग ने बतायी कि इन पेड़ों की काट में वन विभाग के भी पेड़ काट लिए जा रहे हैं. ऐसे में जिले के बाँसी के वन अधिकारी को हिदायत दी गयी है. इसके बाद सुबह में सड़क पर निगरानी रखे जाने के दौरान 12 लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गयी है और उन पर 2 लाख का जुर्माना भी लगाया गया है.

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