श्रावस्ती: उत्तरकाशी की सिलक्यारा टनल में फंसे श्रावस्ती के सभी मजदूर वापस घर पहुंच गए हैं. 17 दिनों के बाद टनल से रेस्क्यू होने के बाद शुक्रवार की रात 800 किमी का सफर कर श्रमिक घर पहुंचे. रात आठ बजे गांव पहुंचते ही उनका हीरों की तरह स्वागत किया गया. उनके गांव में पहुंचते ही स्वागत को भारी भीड़ उमड़ पड़ी. घर पहुंचने पर परिजनों ने श्रमिकों की आरती उतारी. इस मौके पर बच्चों ने डांस कर मजदूरों के घर लौटने का जश्न मनाया. इस मौके पर श्रमिकों ने पीएम मोदी और उत्तराखंड सरकार का आभार जताया. कहा कि उनके प्रयास से ही वह जीवित लौटे हैं.
श्रावस्ती के मोतीपुरकलां गांव शुक्रवार रात आठ बजे पहुंचे मजदूरों को देखने के लिए भारी भीड़ उमड़ पड़ी. इस मौके पर 600 घरों वाले मोतीपुर गांव को रंगबिरंगी लाइटों से सजाया गया था. आंगन में रंगोली सजाई गई थी. उत्तरकाशी की सिलक्यारा टनल से लौटे मजदूर राम सुंदर की पत्नी शीला, मजदूर संतोष के भाई प्रदीप, मजदूर अंकित के भाई विक्रम, मजदूर राम मिलन की पत्नी सुनीता व मजदूर जय प्रकाश की मां डाकिया के आंखों में आज खुशी के आंसू थे. उनके घर दीवाली की जश्न आज था. जैसे ही मजदूर गांव पहुंचे तो पूरा गांव स्वागत में उमड़ पड़ा. घर पहुंचने पर परिजनों ने मजदूरों की आरती उतारी. वहीं, मजदूर भी कई दिनों बाद परिवार से मिलकर भावुक हो गए. इसके बाद शुरू हुआ जश्न मनाने का दौर. गांव के बच्चों ने फिल्मी गीतों पर जमकर डांस किया. पूरा गांव जश्न में डूब गया. हर तरफ मजदूरों के घर लौटने की खुशियां नजर आने लगीं.