श्रावस्ती/लखनऊ: 17वें दिन उत्तरकाशी से टनल हादसे में फंसे यूपी के श्रमिकों के बाहर निकाले जाने की खुशखबरी मिलते ही भारत नेपाल सीमा पर बसे आदिवासी थारू गांव मोतीपुर खुशी और उल्लास में डूब गया. गांव के माहौल को देखकर लग रहा था कि जैसे यहां के लोगों के लिए नया सवेरा आ गया हो. चारों ओर बस एक ही चर्चा रही कि सुरंग से जिंदगी की जंग जीत गए हमरे गांव के लाल. महिलाएं डिहुहार को प्रसाद चढ़ाने के लिए दौड़ पड़ी तो घर के देवी-देवताओं को पुरुष माथा टेकने लगे. वहीं, उत्तराखंड टनल रेस्क्यू ऑपरेशन की सफलता पर सीएम योगी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी को बधाई दी.
भारत-नेपाल सीमा पर बसे मोतीपुर गांव के अधिकतर लोग मेहनत मजदूरी करने के लिए परदेस जाते हैं. इनमें गांव के अधिकतर युवा हैं. पांच माह पूर्व गांव के राम सुंदर, संतोष, सत्यदेव, राममिलन, अंकित और जय प्रकाश सहित 20 लोग उत्तराखंड गए थे. उत्तरकाशी के यमुनोत्री नेशनल हाईवे पर टनल निर्माण में मजदूरी कर रहे थे. भूस्खलन से टनल करीब 57 मीटर धंस गई, जहां 6 मजदूर दीपावली के दिन इसमें फंस गए थे.
12 नवंबर को इनके टनल में फंसे होने की सूचना मिली तो गांव में दीपावली की खुशी मायूसी में बदल गई. 16 दिनों से टनल में फंसे मजदूरों के परिवार भरपेट भोजन नहीं कर रहे थे. बेटों की सलामती की चिंता परिवार को खाए जा रही थी. मंगलवार को दोपहर बाद राम सुंदर की पत्नी शीला ने जैसे ही सुना कि उत्तरकाशी से फोन आया है. दौड़कर गांव में एकत्र लोगों के बीच पहुंच गई. उसने पूछा क्या खबर है. तभी एक बच्चा बोला, काकी काका सुरंग से निकलने वाले हैं. यही फोन आया है. इतना सुनते ही शीला फफक-फफक कर रो पड़ी. ओढ़नी से आंसू पोंछते हुए बोली कि अंधेरी सुरंग मा हमरे थरवा (पति) कै जिंदगी भगवानै बचाय दिहिन.
अपने बेटे की राह देखते हुए रो-रोकर संतोष की मां विदेशनी की आंसुओं से आंखे लाल हो गईं. विदेशनी कहती है कि मोर छावा सुरंग से निकल कै नई जिंदगी पाइल बा अब लौटके घरे आइल बा तो महिन आज अतरा खुशी लागाटा. सत्यदेव की पत्नी रामरती बताती है कि आज मोर थरवा के जिंदगी बच गेल मइन सकलू जहन. योगी, मोदी और उत्तराखंड सरकार को धन्यवाद देत चाहटू. ऐसे ही टनल में फंसे सभी श्रमिकों के घर परिवार में खुशियों की बहार आ गई है. लोग घरों में दीपक जलाए और प्रसाद भी बांटे.