श्रावस्ती:नेपाल से छोड़ा गया पानी श्रावस्ती में जलप्रलय बनकर आया है. जिले में तीन दिनों से खेतों और गांवों में मटमैले पानी का सागर लहरा रहा है. राप्ती नदी अपने किनारों को तोड़कर चारों ओर तबाही मचाए हुए है. गांवों में फंसे लोगों की उम्मीदों को पल पल चढ़ता पानी तोड़ रहा है. श्रावस्ती के एक सैकड़ा गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. दर्जनों गांव बाढ़ के पानी में डूब(Village submerged in flood) गए हैं. जान बचाने के लिए लोगों ने छतों पर बसेरा बनाया है. प्रशासन भी राहत कार्य में जुटा हुआ है.
एनडीआरएफ व फ्लड पीएसी भी बुला ली गई है. डीएम नेहा प्रकाश बाढ़ प्रभावित वीरपुर, अशरफ नगर समेत दर्जनों गांवों का भ्रमण कर दिशा निर्देश जारी कर रही हैं. राहत और बचाव कार्य का स्वयं मॉनीटरिंग कर रहीं हैं. फिर भी प्रशासन की व्यवस्था पर राप्ती का पानी भारी पड़ रहा है. सैलाब से कई मार्गों पर लबालब पानी भरा हुआ है. जमुनहा सिरसिया तेंदुआ लक्ष्मनपुर मार्ग पर चल रहीं लगभग 120 निजी बसें बंद कर दी गई हैं. स्कूलों में पानी भर जाने से शिक्षण व्यवस्था भी प्रभावित हो रही है.
वहीं, गुरुवार को बाढ़ में डूबे लेखपाल का दूसरे दिन भी पता नहीं चल सका है. कहने को तो बाढ़ प्रबंध योजना बनाई गई है. इसमें जिला तहसील बाढ़ नियंत्रण कक्ष व तहसील स्तरीय बाढ चौकियां, यातायात के साधन, नावों की व्यवस्था, आरटी सेट फ्लड, पीएसी के जवान, चिकित्सा शिक्षा व्यवस्था के साथ ही पानी से घिरे गांवों के लोगों और पशुओं को स्थाई तौर पर पानी से बाहर निकालने आदि की व्यवस्था की गई है.