श्रावस्ती: उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती जनपद से किशोरी को भगाने के मामले में कोर्ट ने महिला को दोषी मानते हुए सात साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही कोर्ट ने महिला पर 30 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है. मामला भिनगा क्षेत्र के एक गांव में 10 साल पहले हुआ था. इस मामले में विवेचना के दौरान लापरवाही बरतने वाले विवेचक के खिलाफ न्यायालय ने कार्रवाई के लिए भी उच्चाधिकारियों को आदेशित किया है.
अपर जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी सतेंद्र बहादुर सिंह ने बताया कि 27 नवंबर 2013 को गांव निवासी 15 वर्षीय किशोरी शौच के लिए गई थी. रास्ते में शाहजहां पत्नी मालिक ने उसे रोका और कहा कि यह जो आदमी खड़े हैं, बहुत पैसे वाले हैं इनके साथ चली जाओ और किशोरी को उनकी मोटरसाइकिल पर जबरदस्ती बैठा दिया. दोनों युवक उसे लेकर लक्ष्मणपुर बाजार गए और एक कमरे में बंद कर दिया.
इस दौरान किशोरी के साथ दुष्कर्म किया गया. जब दोनों आरोपी बाजार कुछ सामान लेने गए तो किशोरी मौका पाकर वहां से भाग गई. घर पहुंच कर उसने पूरे घटनाक्रम से अपने परिवारवालों को अवगत कराया. इस मामले में किशोरी के बाबा की तहरीर पर भिनगा कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया था. विवेचना के दौरान किशोरी ने मजिस्ट्रेट के सामने यह भी बयान दिया था कि जो दोनों युवक उसे मोटरसाइकिल से लेकर गए थे, उन दोनों ने उसके साथ दुष्कर्म भी किया था. लेकिन विवेचक राजेश कुमार वर्मा ने दोनों अभियुक्तों का पता न कर पाना बताया.