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शामली में वन्य जीवों के अंगों की तस्करी का भंडाफोड़, आरोपी गिरफ्तार

यूपी के शामली जिले में देसी दवाखाने की आड़ में वन्य जीवों के अंगों की तस्करी का भंडाफोड़ हुआ है. वन विभाग की छापेमारी में भारी मात्रा में दुर्लभ प्रजाति के जीवों के अवशेष भी बरामद हुए हैं, जिनका इस्तेमाल कथित तौर पर यौन रोगों के उपचार के लिए किया जा रहा था. पुलिस ने वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज करते हुए तस्कर को गिरफ्तार कर लिया है.

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Published : Aug 27, 2020, 3:42 PM IST

देसी दवाखाने की आड़ में वन्य जीवों के अंगों की तस्करी का भंडाफोड़
देसी दवाखाने की आड़ में वन्य जीवों के अंगों की तस्करी का भंडाफोड़

शामली:जिले में यौन रोगों के उपचार की आड़ में दुर्लभ प्रजाति के वन्य जीवों के अंगों की तस्करी सामने आई है. यहां पर वन विभाग की टीम ने एक देसी दवाखाने पर छापेमारी करते हुए जीवों के अवशेष बरामद किए हैं. पुलिस ने इस पूरे खेल से जुड़े कथित डॉक्टर को भी गिरफ्तार करते हुए मुकदमा दर्ज कर लिया है.

क्या है पूरा मामला
यह पूरा मामला शामली जिले के बड़ा बाजार का है. यहां पर मोहल्ला मुरारीवाला कुआं निवासी डॉ. निशांत गुप्ता देसी दवाखाने के नाम से एक दुकान चलाता है. पुलिस के अनुसार, वन्य जीव संरक्षण के लिए कार्य करने वाली संस्था वाइल्ड आई इण्डिया के एक प्रतिनिधि द्वारा क्षेत्रीय वनाधिकारी कैराना रेंज को एक विशेष सूचना दी गई थी. सूचना पर वन विभाग की टीम ने शामली कोतवाली पुलिस को साथ लेकर देसी दवाखाने के नाम से चल रही दुकान पर छापेमारी की. छापेमारी में दुकान से दुर्लभ प्रजाति के वन्य जीवों के शारीरिक अंगों के अवशेष बरामद किए, जिनका इस्तेमाल कथित तौर पर यौन रोगों के उपचार के लिए किया जा रहा था.

जानकारी देते वन अधिकारी.
दुर्लभ प्रजाति के जीवों के अवशेष मिलेदेसी दवाखाने के नाम से चल रही निजी दुकान पर छापेमारी के दौरान मौके से वन्य जीव श्रेणी—1 में आने वाले तिब्बती मृग के सींग (06 नग), बड़ी छिपकली पटडा गोह के जनानांग, बाघ का नाखून और वन्य जीव श्रेणी—2 में आने वाले सिंधी सियार, गीदड के शरीर के अंग, साही, सेह के कांटे बरामद हुए. कथित तौर पर पूछताछ में बताया गया कि दुकान संचालक इनका इस्तेमाल यौन रोगों के उपचार में कर रहा था, लेकिन बकौल पुलिस यह पूरा मामला दुर्लभ प्रजाति के वन्य जीवों के अंगों की तस्करी करने वाले रैकेट से जुड़ा हुआ है.पुलिस ने आरोपी को किया गिरफ्तारवन विभाग की छापेमारी और साक्ष्य संकलन के बाद पुलिस ने दुकान संचालक के रूप में डॉ. निशांत गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने इस पूरे मामले में वन दारोगा आदित्य शर्मा की तहरीर पर गिरफ्तार अभियुक्त के खिलाफ वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 की आठ अलग—अलग धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है. तस्करी के रैकेट की टोह लेने के लिए विभिन्न टीमें गिरफ्तार अभियुक्त से आवश्यक पूछताछ में जुटी हुई हैं.

वन अधिकारी धर्मवर्त शर्मा ने बताया कि छापेमारी में दुकान से दुर्लभ प्रजाति के वन्य जीवों के अवशेष बरामद हुए हैं, जिन्हें रखना या किसी भी रूप में इस्तेमाल करना अपराध की श्रेणी में आता है. पुलिस को साथ लेकर छापेमारी की गई थी. आरोपी तस्कर को भी गिरफ्तार कर लिया गया है.

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