शामली: तीन साल की उम्र में पिता का साया उठने के बाद बंतीखेड़ा गांव निवासी स्वीटी कुमारी की यह कामयाबी जीवन के संघर्षों से लड़कर जीत हासिल करने की प्रेरणा देने वाली है. स्वीटी ने 2017 की पीसीएस परीक्षा पास की है. उन्हें जिला विकलांग कल्याण अधिकारी का पद भी मिल गया है.
शामली: नहीं थे कोचिंग के पैसे, इंटरनेट से पढ़ाई कर स्वीटी बन गई पीसीएस अफसर
यूपी के शामली में एक बेटी ने वक्त की मार से मुकाबला करते हुए कामयाबी की बुलंदी हासिल की है. आर्थिक तंगी की वजह से महंगी कोचिंग नहीं कर पाने वाली बेटी ने यूट्यूब चैनलों के माध्यम से पढ़ाई कर पहले ही प्रयास में पीसीएस अफसर का रूतबा हासिल किया है.
यूं पा लिया मुकाम...
स्वीटी ने गांव के ही एक प्राइवेट स्कूल से कक्षा आठ पास की. कक्षा नौ से 12 तक शामली के मदरलैंड पब्लिक स्कूल से की और ग्रेजुएशन इंद्रप्रस्थ कॉलेज दिल्ली से हॉस्टल में रहकर किया. वो दिल्ली रहकर ही पोस्ट ग्रेजुएशन और पीसीएस की कोचिंग करना चाहती थी, लेकिन पढ़ाई और हॉस्टल का खर्च काफी अधिक था. परिवार की आर्थिक हालत में ज्यादा बेहतर नहीं थी. लिहाजा वो दिल्ली छोड़ अपने गांव वापस आ गई ओर घर पर ही तैयारी की. घर में ही पढ़कर राजनीति विज्ञान से एमए किया. इसके बाद पीसीएस की तैयारी में जुट गई.
पढ़ाई के साथ-साथ घर के सभी काम किए. रसोई में चाय नाश्ता, खाना बनाने के अलावा सभी काम करती थी. पशुओं की सानी करना, दूध बिलौना आदि सब घरेलू काम किए. सुबह चार बजे उठकर पढ़ती थी. दोपहर में दो घंटे और फिर रात को 12 बजे तक पढ़ाई की.
-स्वीटी कुमारी, पीसीएस अधिकारी