शामली:जिला प्रशासन ने प्रदूषण की रोकथाम के लिए ईंट-भट्ठों की कई फैक्ट्रियों पर रोक लगा दी, लेकिन गुड़ के कोल्हू प्रदूषण फैलाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. यहां ईंधन के रूप में धड़ल्ले से पराली जलाई जा रही है, लेकिन इस ओर प्रशासन का ध्यान नहीं जा रहा है.
- जिले में गुड के कोल्हुओं पर ईंधन के रूप में पराली का इस्तेमाल हो रहा है.
- गुड़ की भट्टियों पर प्रतिबंधित पराली जलाई जा रही है, जिसके खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है.
- दिन-रात गुड़ की भट्टियों पर पराली जलाने के बाद प्रदूषण का ग्राफ भी बढ़ रहा है.
- प्रतिबंध होने के बाद बावजूद भी लोग गुड़ बनाने के लिए पराली को ईंधन के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं.