शामली:कैराना कोतवाली में तैनात महिला एसआई द्वारा इंस्पेक्टर पर लगाए गए आरोप इन दिनों सुर्खियों में हैं. महिला एसआई ने सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल कर इंस्पेक्टर पर खुद के शोषण करने का आरोप लगाया है. एसआई अंजू ने महकमे के अधिकारियों से यह भी सवाल किए कि जब उनका खुद शोषण हो रहा है तो वह अन्य पीड़ित महिलाओं को इंसाफ कैसे दिला सकती हैं ? फिलहाल इस पूरे विवाद की हकीकत को जानने के लिए अधिकारी जांच के जरिये पूरे मामले की पड़ताल में जुटे हुए हैं.
कोतवाल पर शोषण का आरोप लगाने वाली SI अंजू रानी कैसे हो गईं अंजू गुर्जर
गुर्जर बाहुल्य क्षेत्र में ज्वाइनिंग के बाद एसआई अंजू रानी ने नेम प्लेट बदल ली थी. उन्होंने पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज अपने नाम 'अंजू रानी' के स्थान पर नेम प्लेट पर 'अंजू गुर्जर' लिखना शुरू कर दिया था. ये वहीं महिला एसआई हैं, जिन्होंने कैराना इंस्पेक्टर पर शोषण का आरोप लगाया है.
बता दें कि मेरठ जिले की रहने वालीं अंजू रानी ने 19 सितंबर 2017 को यूपी पुलिस में बतौर एसआई ज्वाइनिंग की थी. पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, उनकी पहली पोस्टिंग शामली जिले के कांधला थाने पर 19 सितंबर 2017 को हुई थी. इसके बाद इसी वर्ष 25 जुलाई 2020 को उनकी पोस्टिंग कैराना थाने पर की गई. यहां पर उन्हें पुलिस के एंटी रोमियो स्क्वॉड का प्रभारी नियुक्त किया गया.
एंटी रोमियो स्क्वाड में रहते हुए वर्तमान में भी एसआई अंजू रानी कैराना कोतवाली क्षेत्र में अपनी सेवाएं दे रही हैं, लेकिन खास बात यह है कि गुर्जर बाहुल्य क्षेत्र में ज्वाइनिंग के बाद उनकी नेम प्लेट बदल गई है. उनके द्वारा पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज अपने नाम अंजू रानी के स्थान पर नेम प्लेट पर अंजू गुर्जर लिखना शुरू कर दिया है, जो कि विभागीय अनुशासन के उलट कैराना के राजनीतिक और क्षेत्रीय माहौल के हिसाब से मुफीद प्रतीत होता है. इसी के चलते क्षेत्र के लोगों द्वारा भी समाज की बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए कोतवाल के खिलाफ कार्रवाई की मांग की जा रही है. फिलहाल मामले की जांच की जा रही है.