शिक्षिका की शिकायत पर एंटी करप्शन की टीम ने की कार्रवाई. शामली : जिले में शिक्षा विभाग में कार्यरत एक बाबू ने सहायक अध्यापिका का वेतन जारी करने और नजदीकी विद्यालय में तैनाती के नाम पर 1 लाख की रिश्वत की मांग की थी. शिक्षिका ने इसकी शिकायत एंटी करप्शन से की थी. इसके बाद गुरुवार को सहारनपुर और मेरठ की एंटी करप्शन टीम ने बाबू काे रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ लिया. आराेपी बाबू बीएसए कार्यालय में तैनात है. टीम आरोपी को थाने ले गई है.
सहारनपुर जिले के नकुड़ तहसील क्षेत्र की रहने वाली रीना देवी की नियुक्ति साल 2018 में 23 जून काे शिक्षा विभाग में सहायक अध्यापिका के रूप में हुई थी. शिक्षिका ने बताया कि उनकी पहली तैनाती शामली के ऊन ब्लॉक क्षेत्र के गांव प्रधान नगर के विद्यालय में हुई थी, वह बीएलओ ड्यूटी में थी. इस दौरान अनुपस्थित दिखाकर बीएसए ने उन्हें विद्यालय से हटा दिया. इसके बाद थानाभवन ब्लॉक क्षेत्र में भैंसानी से अटैच कर दिया गया था. हालांकि स्थायी रूप से तैनाती नहीं दी जा रही थी, वेतन भी रोक दिया गया था.
शिक्षिका के अनुसार उसने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को पत्र लिखकर वेतन जारी कराने और नजदीकी विद्यालय में तैनाती की मांग की. इसके बावजूद उसकी सुनवाई नहीं हाे रही थी. बाद में शिक्षा विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत के चलते विभाग में कार्यरत बाबू परिश्रम कुमार ने इस कार्य के लिए उनसे एक लाख रुपये की मांग की. इसके बाद मजबूर हाेकर इसकी इसकी शिकायत एंटी करप्शन सहारनपुर ब्यूरो में की थी.
गाड़ी में बैठकर ले रहा था रिश्वत : गुरुवार को सहारनपुर से एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम निरीक्षक महेश कुमार दुबे के नेतृत्व में शामली पहुंची. मेरठ की एंटी करप्शन टीम भी साथ थी. टीम ने एक लाख रुपये के नोटों पर केमिकल लगाकर सहायक अध्यापिका रीना देवी को थमा दिया. इसके बाद डीएम से अनुमति लेकर टीम जिले के बीएसए कार्यालय के निकट पहुंची. सहायक अध्यापिका नाेटाें की गड्डी लेकर बाबू के पास पहुंची. बाबू परिश्रम कुमार गाड़ी में बैठ कर एक लाख रुपये की रिश्वत ले रहा था. इस दौरान टीम ने उसे रंगेहाथों पकड़ लिया. टीम आरोपी को आदर्शमंडी थाने ले गई. वहां उससे पूछताछ की गई. दूसरी ओर शिक्षा विभाग के अधिकारी इस मामले में कुछ भी बोलने से बच रहे हैं.
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