शामली: जनपद में विद्युत विभाग की मनमानी और अवैध वसूली (illegal recovery of electricity department) के खिलाफ रविवार को सर्वजातीय पंचायत का आयोजन किया गया. पंचायत में वक्ताओं ने विद्युत विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को चेकिंग के नाम पर घरों में नहीं घुसने देने का ऐलान किया. इसके साथ ही नलकूपों से भी विद्युत मीटर हटाने का आह्वान किया गया.
दरअसल, शामली जिले के गांव शेखुपुरा में 17 अगस्त को चेकिंग के लिए गए विद्युत कर्मचारियों का ग्रामीणों द्वारा विरोध किया गया था. इसके बाद विद्युत विभाग के अफसरों ने चार ग्रामीणों को नामजद करते हुए उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया था. इसके बाद विद्युत विभाग के अफसरों ने भाजपा के एमएलसी विरेंद्र सिंह पर जबरन फैसला कराने के लिए धमकाने का आरोप लगाते हुए धरना भी दिया था.
उधर, विद्युत विभाग की मनमानी के खिलाफ कैराना की गुर्जर बैल्ट के गांव शेखुपुरा, कंडेला, हिंगोखेडी, भूरा और जगनपुर के ग्रामीणों ने रविवार को कंडेला गांव में पंचायत करने का ऐलान कर दिया था. हालांकि पंचायत से एक दिन पूर्व रात में ही आलाकमान द्वारा भाजपा नेताओं के दबाव में दो विद्युत अफसरों का जिले से बाहर तबादला कर दिया गया था. इसके बावजूद रविवार को कंडेला गांव में विद्युत विभाग की मनमानी और चेकिंग के नाम पर वसूली के आरोप में पंचायत का आयोजन किया गया.
पंचायत की अध्यक्षता गुर्जरों के 84 गांवों के चौधरी रामपाल सिंह ने की. मंच से वक्ताओं ने विद्युत विभाग की कार्यप्रणाली के खिलाफ जमकर आक्रोश व्यक्त किया. शेखुपुरा गांव के पूर्व प्रधान विलियम चौहान ने पंचायत का एजेंडा बताते हुए कहा कि विद्युत महकमें के लोग हमारी इज्जत उतारने के लिए घरों में घुसने का प्रयास करते हैं. घरों में हमारी मां-बहने भी होती है. उन्होंने कहा कि अब हम चुप नही रहेंगे. चेकिंग के नाम पर आने वाले विद्युतकर्मियों को घरों में घुसने नहीं दिया जाएगा और नलकूपों पर भी विद्युत मीटर नहीं लगने देंगे. इसके अलावा गांवों में पांच-पांच लोगों की संघर्ष समिति बनाकर मनमानी करने वाले सरकारी महकमों के खिलाफ आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी.