शामली: सोमवार को कैराना से समाजवादी पार्टी के विधायक चौधरी नाहिद हसन के पुलिस के उत्पीड़न के खिलाफ जेल भरो आंदोलन के आह्वान को लेकर समर्थकों के बीच खासा जोश देखने को मिला. सुबह से ही नगर व ग्रामीण क्षेत्रों से समर्थकों की भीड़ के विधायक के आवास पर जुट गए. ये देखते हुए पुलिस-प्रशासन ने सुरक्षा की दृष्टि से कड़े इंतजाम किए. पुलिस ने विभिन्न स्थानों पर बैरियर लगा दिए थे. हालांकि दोनों पक्षों की सूझबूझ के चलते शांतिभंग के हालात नहीं बन पाए. विधायक ने घर से निकलकर एसडीएम को ज्ञापन दिया, जिसके बाद विधायक के उनके समर्थक वापस लौट गए. पुलिस ने भी विधायक को गिरफ्तार नहीं किया.
विधायक ने ज्ञापन में कहा कि जनता के उत्पीड़न को लेकर उनके द्वारा कोतवाली प्रभारी से दूरभाष पर वार्ता की गई, लेकिन उत्पीड़न बंद नहीं हुआ. जब वह पीड़ितों की संतुष्टि के लिए कोतवाली पहुंचे, तो उनके साथ में अमर्यादित भाषा का प्रयोग किया गया और विधानसभा सदस्य होने के नाते विशेष अधिकारों का भी उल्लंघन किया गया. उन पर और 30-40 समर्थकों पर मुकदमा दर्ज किया गया, यह फर्जी है. उन्होंने उपरोक्त प्रकरणों की जांच कराकर पीड़ितों को दिलाया जाए तथा कोतवाली प्रभारी के विरूद्ध जांच कराने के साथ ही उनका स्थानांतरण किए जाने, उन पर दर्ज एफआईआर को समाप्त कराए जाने के साथ-साथ विशेष अधिकारों के हनन एवं अमर्यादित भाष का प्रयोग करने की जांच हेतु उप्र विधानसभा अध्यक्ष को पत्र प्रेषित करने की मांग की है.
कैसे आंदोलन तक पहुंची नौबत
गत 29 अक्टूबर को विधायक नाहिद हसन कुछ लोगों के साथ में कैराना कोतवाली पहुंचे थे. जहां कुछ मामलों को लेकर उनकी कोतवाली प्रभारी निरीक्षक से नोकझोंक हो गई थी. मौके पर सीओ ने पहुंचकर आश्वासन देते हुए मामला शांत कराया था. विधायक ने सीओ को मामलों से अवगत कराते हुए पीड़ितों को ही जेल भेजने व उनकी बोली लगाने जैसे संगीन आरोप लगाए थे. विधायक ने उसी दिन शाम को प्रेसवार्ता कर जेल भरो आंदोलन का ऐलान कर दिया था. हालांकि, कोतवाली में घटित मामले को लेकर पुलिस की ओर से विधायक व उनके समर्थकों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया हुआ है.
डीएम व एसपी ने डेरा डाला
जेल भरो आंदोलन को लेकर डीएम जसजीत कौर व एसपी नित्यानंद रॉय सुबह के समय कोतवाली में पहुंच गए। वह कोतवाली से ही क्षेत्र के हालातों के बारे में जायता लेते रहे और अधीनस्थ अमले को आवश्यक दिशा—निर्देश जारी करते रहे. उधर, एडीएम अरविंद कुमार सिंह ने बाजार का भ्रमण करते हुए विधायक के आवास पर की गई व्यवस्थाओं का जायजा लिया.
अब तक का घटनाक्रम
29 अक्टूबर: सपा विधायक ने दोपहर के समय समर्थकों के साथ कैराना कोतवाली पहुंचकर पुलिस पर निर्दोषों पर कार्रवाई करने का आरोप लगाया था. इस दौरान पुलिस से विधायक की नोकझोंक भी हुई थी.
29 अक्टूबर: शाम के समय विधायक ने कैराना स्थित अपने आवास पर प्रेसवार्ता करते हुए दो नवंबर को जेल भरो आंदोलन की चेतावनी दी थी.
29 अक्तूबर: रात के समय थाने पर हुए हंगामें के मामले में पुलिस ने विधायक समेत उनके 30-40 समर्थकों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया था.