शामली: कैराना में निकलने वाला ऐतिहासिक 'काल का जुलूस' दूर-दूर तक प्रसिद्ध है. यहां रामलीला की शुरुआत के बाद काल का जुलूस निकाला जाता है. इस दौरान साम्प्रदायिक सौहार्द्र भी देखने को मिलता है. लोग सड़कों पर घूम रहे 'काल' की तलवार से मार खाने और अपने बच्चों को 'काल' का आशीर्वाद दिलाने के लिए दूरदराज से यहां पहुंचते हैं क्योंकि इसे शुभ समझा जाता है.
लंबे समय से चली आ रही आस्था-
- कैराना में श्रीराम लीला शुरू होने के बाद दूसरे दिन परंपरागत काल का जुलूस निकाला जाता है.
- लोगों का मानना है कि काल का जुलूस निकालने के बाद ही यहां रामलीला खुशहाली से संपन्न होती है.
- काल का जुलूस कैराना कस्बे की सड़कों, मुख्य चौराहों, गली-मोहल्लों और बाजारों में घूमता है.
- इसके बाद यहां स्थित चौक बाजार में काल और मेघनाथ के बीच युद्ध होता है.
- यहीं से काल को बंधक बनाकर रावण के महल में ले जाया जाता है.
- इसके साथ ही जुलूस भी खत्म हो जाता है.