शामली: जिले के पति, पत्नी और बेटे को बाघा बार्डर पर पाकिस्तान अथॉरिटी ने पिस्टल के साथ गिरफ्तार किया है. इसके बाद से खुफिया विभाग हरकत में आ गया है. इंटेलिजेंस यूनिट के कर्मचारी जब जांच पड़ताल के लिए आरोपियों के घर पहुंचे तो वहां पर ताला लगा मिला. खुफिया विभाग को शक है कि परिवार के लोग भारत-पाकिस्तान के बीच सवारी नेटवर्क की 'कबूतरबाजी' का शिकार हुए हैं.
भारत और पाकिस्तान के बीच चलने वाले तस्करी के नेटवर्क को खुफिया भाषा में 'कबूतरबाजी' कहा जाता है. कुछ ऐसी ही परिस्थितियो में शामली जिले के एक ही परिवार के तीन सदस्यों को पाकिस्तान अथॉरिटी ने बाघा बार्डर पर पिस्टल के साथ गिरफ्तार किया है.
दरसअल, शामली के मोहल्ला नौकुआ निवासी नफीस अहमद (70), पत्नी आमना और बेटे मोहम्मद कलीम (35) के साथ करीब एक माह पूर्व पाकिस्तान रिश्तेदारी में गए थे. बताया जा रहा है कि गत बुधवार को वापस लौटते समय पाकिस्तान अथॉरिटी ने तीनों को अवैध पिस्टल के साथ गिरफ्तार कर लिया. इस सूचना के बाद शामली जिले का खुफिया विभाग भी हरकत में आ गया है. खुफिया विभाग के लोग परिवार के लोगों के बारे में जानकारियां जुटा रहे हैं, हालाकि गिरफ्तारी की सूचना पर परिवार के अन्य सदस्य भूमिगत हो गए हैं.
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स्थानीय खुफिया इकाइयों से जुड़ी एक टीम जब मोहल्ला नौकुआ में नफीस के आवास पर पहुंची तो मकान पर ताला लगा हुआ था. परिवार का कोई भी सदस्य दिखाई नही दिया. पड़ोसियों से पूछताछ करने पर पता चला है कि परिवार के सभी सदस्य अचानक घर से चले गए हैं. संभव है कि उन्हें गिरफ्तारी की सूचना पहले ही मिल गई हो. पड़ोसी नसीम अहमद के मुताबिक नफीस फेरीवाला है और उसके पांच बेटे हैं. बड़ा बेटा तहसीम राजस्थान में बागवानी करता था. परिवार के अधिकांश रिश्तेदार पाकिस्तान में रहते हैं. किसी को भी इस बात पर यकीन नहीं हो रहा है कि उन्हें हथियार के साथ पकड़ा गया है.
कबूतरबाजी में फंसने का शक:शामली और कैराना में नब्बे के दशक से पाकिस्तान से हथियार, नशा और अन्य सामानों की तस्करी का खेल चल रहा है क्योंकि यहां पर ऐसे मुस्लिम परिवार बहुतायत में हैं, जिनकी रिश्तेदारियां पाकिस्तान में हैं. कई परिवारों के तो पाकिस्तान से वैवाहिक संबंध भी हैं. इसी के चलते तस्करी का नेटवर्क चलाने वाले लोग ऐसे परिवारों के लोगों को सवारी बनाकर पाकिस्तान भेजते हैं. एक खुफिया अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि यह संभव है कि तीनों 'कबूतरबाजी' का हिस्सा हों, इसका मतलब दोनों देशों के बीच सवारियां भेजकर तस्करी कराना होता है. हालांकि इस मामले में शामली पुलिस के आला अधिकारी अभी कुछ भी खुलासा करने से बच रहे हैं.
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