उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

पुण्य तिथि विशेष: आज भी इस शायर का बड़े अदब से लिया जाता है नाम - शामली समाचार

यूपी के कैराना से ताल्लुक रखने वाले देश और दुनिया में विख्यात शायर मुज़फ़्फ़र इस्लाम 'रज़्मी' की शनिवार को पुण्यतिथि थी. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने भी रज्मी साहब का शेर लोकसभा में पढ़ा था, जिसके बाद उनके शेर कई अन्य सांसदों ने भी अनेक अवसरों पर पढ़ा. लोकसभा की कार्यवाही में उनका शेर आज भी दर्ज है.

पुण्यतिथि मुजफ्फर रज्मी.
पुण्यतिथि मुजफ्फर रज्मी.

By

Published : Sep 20, 2020, 1:11 PM IST

शामली: यूपी के कैराना से ताल्लुक रखने वाले देश और दुनिया में विख्यात शायर मुज़फ़्फ़र इस्लाम 'रज़्मी' का नाम आज भी शायरी की दुनिया में बड़े ही अदब से लिया जाता है. रज्मी साहब ने सऊदी अरब, दुबई और पाकिस्तान में भी आयोजित कई मुशायरों में हिंदुस्तान की शायरी का लोहा मनवाया. आज भी जब भी शायरी की महफिलें जवां होती हैं तो बड़े-बड़े शायरों के मुंह से भी उनकी शायरी महफिलों में चार चांद लगाती नजर आती है.

बात 1974 की है, जब ऑल इंडिया रेडियो से 'रज़्मी' साहब का शेर 'लम्हों ने खता की थी...सदियों ने सजा पाई' ब्रॉडकास्ट हुआ, तो पूरे हिंदुस्तान में यह शेर लोगों की जुबान पर चढ़ गया. इसके बाद जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री शेख अब्दुल्ला ने इसे अपनी तकरीर में पढ़ा. दिवंगत प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की शव यात्रा में भी टीवी कमेंट्रेटर कमलेश्वर द्वारा यह शेर बार-बार दोहराया गया. इंद्र कुमार गुजराल ने प्रधानमंत्री पद की शपथ लेते हुए इस शेर को अपने संबोधन में पढ़ा.

इसके बाद पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने भी इस शेर को अपने संबोधन में पढ़ा था. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने भी रज्मी साहब का यह शेर लोकसभा में पढ़ा था, जिसके बाद यह शेर कई अन्य सदस्यों ने भी अनेक अवसरों पर पढ़ा. लोकसभा की कार्यवाही में आज भी यह शेर दर्ज है.

19 सितंबर 2012 में 74 वर्ष की आयु में जनाब मुज़फ़्फ़र 'रज़्मी' साहब का इंतकाल हो गया था. अपनी शायरी के माध्यम में वे जिंदगी की हकीकत को बयान करते नजर आते थे. शायरी से आम शोहरत की बुलंदियों पर पहुंचने के बावजूद भी वे अपने और परिवार के लिए जीवन भर तक आशियाना तक तैयार नहीं कर पाए थे. उन्होंने किराए के मकान में अपनी पूरी जिंदगी गुजार दी. इसके बाद आज तक भी उनका परिवार कैराना में किराए के ही मकान में रहता है. शोहरत हासिल करने के बावजूद भी किराए के मकान में रहने के सवाल पर उन्होंने कहा था, 'परिंदे भी रहते हैं पराये आशियानों में, हमने उम्र गुजार दी किराए के मकानों में'.

ABOUT THE AUTHOR

...view details