शामली:शाहजहां ने अपनी बेगम मुमताज महल की याद में ताजमहल का निर्माण कराया था, जो आज विश्व के सात अजूबों में पहचान बनाए हुए है. यूपी के शामली जिले के एक किसान ने भी कुछ इसी तरह अपने पिता और बेटे की याद में दो लखटकियां खाटों का निर्माण कराया है. खाटें ऐसी हैं, जो आपको कहीं और देखने को नहीं मिलेंगी. खासियत यह है कि इन खाटों में पूरे हिंदुस्तान का नजराना देखने को मिलता है. वहीं अंग्रेजों के जमाने के चांदी के सिक्के भी इनकी शोभा बढ़ा रहे हैं. इन खाटों को रेशम के बानों से बनाया गया है खाटों पर शामली जिला, बलवा गांव और किसान का फोन नंबर भी अंकित है, ताकि चोरी होने पर उनकी पहचान हो सके.
पिता और पुत्र की याद में बनवाई खाटें
जिले के बलवा गांव निवासी किसान रामदास ने दो अनोखी खाटों का निर्माण कराया है. उनका कहना है कि यें दोनों खाटें उन्होंने अपने पिता उधल सिंह नंबरदार और बेटे प्रदीप चौहान की याद में बनवाई हैं. इन खाटों की खासियत है कि इन पर पूरा हिंदुस्तान नजर आता है. खाटों पर अंग्रेजों के जमाने के चांदी के सिक्के भी लगे हैं. इसके अलावा खाट पर ताजमहल, लालकिला, कुतुबमीनार समेत अन्य जगहें भी उकेरी गई हैं.