शामली: डॉक्टर अपने मरीज की रक्षा किसी भी परिस्थिति में करना चाहता है. यह मिसाल इन दिनों कोरोना वायरस से जंग के दौरान देश भर में देखने को मिल रहा है. शामली में तैनात डॉक्टर बिजेंद्र कुमार भी कोरोना से जंग में अपनी अहम भूमिका निभा रहे हैं. उन्होंने सरकार की गाइडलाइन, खुद की एम्पारिकल थैरेपी, डाइट चार्ज और गर्म पानी के इस्तेमाल से लाईलाज कोरोना बीमारी के एक मरीज को ठीक कर दिखाया है, लेकिन फर्ज को निभाने के लिए उन्हें खुद की खुशियों पर पाबंदी लगानी पड़ी है. एक महीने से परिवार से नहीं मिल पाने के बावजूद भी इनके हौंसलों में कमी नहीं आई है.
डॉक्टर बिजेंद्र कुमार से ईटीवी भारत ने की बातचीत. 'तय हो चुकी शादी, पर फर्ज तो फर्ज है'
शामली की सीएचसी में तैनात डॉ. बिजेंद्र अपने अनुभव के चलते कोरोना पेशेंट का उपचार करने वाली टीम को लीड कर रहे हैं. उनके नेतृत्व में जिले में 24 मार्च को सामने आए कोरोना पेशेंट का उपचार भी किया गया है, यह मरीज फिलहाल ठीक होकर अपने घर पर आराम कर रहा है. इसके अलावा अन्य पॉजिटिव मरीज भी स्वस्थ्य बताए जा रहे हैं. डॉ. बिजेंद्र की शादी तय हो चुकी है, लेकिन फिलहाल वे अपने परिवार को पीछे छोड़ कर्तव्य की राह पर आगे बढ़ रहे हैं. कोरोना काल शुरू होने के बाद वे करीब एक महीने से अपने घर भी नहीं जा पाए हैं. घर पर मौजूद मां—बाप और बहन यहां तक की सीजेएम मंगेतर भी उन्हें फोन पर हौंसला देते रहती है. इसी के चलते फर्ज के आगे उनके कदम लगातार मजबूती से आगे बढ़ रहे हैं.
सेवा में सबकुछ कर दिया न्यौछावर
डॉक्टर बिजेंद्र कुमार डॉक्टरी पेशे से जुड़े होने के चलते कोरोना संक्रमण को रोकने और मरीजों के उपचार में अपना विशेष योगदान तो दे रही रहे हैं, लेकिन इसके साथ—साथ वे देश के जिम्मेदार नागरिक होने का फर्ज भी निभा रहे हैं. उनके द्वारा अपनी एक महीने की सैलरी कोरोना से लड़ाई के लिए दी गई है. उनके द्वारा शामली में ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों के चाय-नाश्ते और उन्हें संक्रमण से बचाने के लिए आवश्यक सामान भी उपलब्ध कराया जा रहा है. डॉक्टर खुद के खर्चे पर जिले में दर्जन भर हैंड वॉश मशीनें भी लगवा चुके हैं.
कोरोना पर कैसे फहरायी, विजय पताका? ईटीवी भारत के सवालों का डॉक्टर ने दिया जवाब..
शामली जिले में ठीक किए गए कोरोना पेशेंट का किस पद्धति से उपचार किया है?
कोरोना पेशेंट के उपचार के लिए सरकार द्वारा गाइड लाइन जारी की गई है. इसके अलावा शामली के सीएमओ संजय भटनागर द्वारा भी आवश्यक दिशा—निर्देश जारी किए गए थे. 24 मार्च को उनके यहां पहला कोरोना पेशेंट भर्ती किया गया था. वो पेशेंट को एम्पारिकल थैरेपी, जो डॉक्टर अपने दिमाग से देते हैं, वह भी यूज किया गया. मरीज का डाइट चार्ट भी बनाया गया था, जिसमें फल और सब्जियां रखे गए. मरीजों को लगातार आइसोलेशन पीरियड में गर्म पानी पिलाया गया. इसके बाद आज मरीज स्वस्थ होकर अपने घर पर चला गया है.
कोराना संक्रमण से डॉक्टर भी प्रभावित हैं, लेकिन जिले में ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया है. यहां पर क्या एहतिआत बरत रहे हैं?
सीएमओ डा. संजय भटनागर विभाग के सभी डॉक्टरों और कर्मचारियों को फुल लॉजिस्टिक उपलब्ध करा रहे हैं. जो भी डिमांड की जा रही है, उन्हें प्रोवाइड कराने में डीएम जसजीत कौर भी विशेष सक्रियता निभा रही हैं. सीएमओ स्वयं डॉक्टरों को गाइड कर रहे हैं. वो सभी लोग खुद को सुरक्षित रखते हुए टीम वर्क के रूप में काम कर रहे हैं.