शामलीःजिले के भैंसवाल गांव में किसानों की महापंचायत के लिए मांगी गई अनुमति को जिला प्रशासन ने निरस्त कर दिया है. इसके साथ ही जनपद में धारा 144 भी लागू कर दी गई है, जबकि आयोजक महापंचायत को लेकर अड़े हुए हैं. अनुमति निरस्त होने के बावजूद भी लोगों द्वारा जनता से महापंचायत में पहुंचने की अपील की जा रही है. इसके चलते जिले की शांति व्यवस्था भी भंग होने की आशंकाएं बन गई हैं.
क्या है पूरा मामला?
गढ़ीपुख्ता थाना क्षेत्र के गांव भैंसवाल में पांच फरवरी को किसानों की महापंचायत का आयोजन किया गया था. इस महापंचायत कों राष्ट्रीय लोकदल के उपाध्यक्ष जयंत चौधरी का शामिल होना भी प्रस्तावित है. महापंचायत के आयोजन के लिए रालोद जिलाध्यक्ष योगेंद्र सिंह चेयरमैन द्वारा एक फरवरी को जिला प्रशासन को अनुमति के लिए प्रार्थना पत्र दिया गया था. इसके अलावा रालोद समेत विभिन्न राजनैतिक पार्टियों और किसान संगठनों के लोगों ने भी महापंचायत में भीड़ जुटाने के लिए जनसंपर्क शुरू कर दिया था, लेकिन फिलहाल जिला प्रशासन द्वारा सुरक्षा और शांति व्यवस्था का हवाला देते हुए महापंचायत के लिए अनुमति नहीं दी है, लेकिन अनुमति निरस्त होने के बाद भी रालोद नेता हर सूरत में महापंचायत के होने का दावा कर रहे हैं.
इन कारणों का दिया गया हवाला
भैंसवाल गांव में होने वाली किसानों की महापंचायत पर जिला प्रशासन ने बैन लगा दिया है. मामले में एसडीएम सदर संदीप कुमार ने आदेश जारी करते हुए बताया कि पांच फरवरी को भैंसवाल के बिजलीघर के पास खेल मैदान में राष्ट्रीय लोकदल के जिलाध्यक्ष योगेंद्र सिंह चेयरमैन द्वारा एक किसान पंचायत के संबंध में अनुमति के लिए प्रार्थना पत्र दिया था. एसडीएम ने बताया कि स्थानीय अभिसूचना इकाई व मुख्य अग्निशमन अधिकारी एवं थानाध्यक्ष गढ़ीपुख्ता की आख्या में अंकित तथ्यों, परिस्थितियों एवं प्राविधानों को दृष्टिगत रखते हुए आयोजन की अनुमति प्रदान नहीं की गई है.