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पुलवामा हमला: आतंकियों ने ली जान, शहादत ने बना दिया 'भगवान' - शहीद अमित कोरी

14 फरवरी 2019, यह इतिहास में वो काला दिन है, जिस दिन पाकिस्तान में बैठे आकाओं के इशारे पर हिंदुस्तान में आतंकियों ने पुलवामा हमले को अंजाम दिया था. कायरता से भरे इस आतंकी हमले में देश के 40 वीर जवान शहीद हो गए थे. शहीद जवानों में शामली के अमित कुमार कोरी भी शामिल थे. वीरगति को प्राप्त करने के बाद शहीद अमित कोरी पूरे परिवार और समाज के लिए भगवान बन गए हैं. जवान की शहादत ने उनके घर को मंदिर बना दिया है. परिवार में देशभक्ति का जज्बा ऐसा है कि पिता अपने दूसरे बेटे को भी देश सेवा के लिए भेजने को तैयार हैं, लेकिन पिता के मुताबिक केंद्र सरकार की वादा खिलाफी इसके आड़े आ रही है.

pulwamaशहीद अमित के पिता रोज करते हैं तस्वीर की पूजा. attack
pulwamaशहीद अमित के पिता रोज करते हैं तस्वीर की पूजा. attack

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Published : Feb 14, 2021, 1:23 PM IST

Updated : Feb 14, 2021, 3:19 PM IST

शामली:आतंकियों ने14 फरवरी 2019 को पुलवामा हमला किया था. इसमें देश के 40 वीर जवान शहीद हो गए थे. इन शहीद जवानों में शामली के अमित कुमार कोरी और प्रदीप कुमार भी शामिल थे. उनका बलिदान क्षेत्र के युवाओं को देश की आन-बान और शान की रक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान देने के लिए प्रोत्साहित करता है.

पुलवामा हमले पर देखें स्पेशल रिपोर्ट.

लोगों को मिल रही प्रेरणा

बनत निवासी शहीद प्रदीप कुमार का परिवार शैक्षिक कारणों की वजह से अधिकांश जिले से बाहर रहता है, क्योंकि शहीद प्रदीप के देश की रक्षा में प्राण न्यौछावर करने के बाद उनके पिता और परिवार के अन्य लोगों की जिम्मेदारी अब शहीद के परिवार के प्रति अधिक बढ़ गई है. इनके अलावा शहीद अमित कोरी का परिवार शामली के कुडाना रोड पर रहता है. घर के पास में ही शहीद अमित कोरी का एक स्मारक भी प्रदेश सरकार ने बनवाया है.

शहीद बेटे अमित की पूजा करते पिता.

शहीद अमित कोरी का घर बन गया मंदिर

पुलवामा हमले की बरसी पर ईटीवी भारत की टीम सुबह शामली के कुड़ाना रोड स्थित शहीद अमित कोरी के घर पहुंची, तो उनके पिता सोहनपाल अपने शहीद बेटे की पूजा करते और आरती उतारते हुए मिले. पिता ने बताया कि घर के सभी लोगों की दिनचर्या शहीद की पूजा के बाद ही शुरू होती है. शहीद के पिता ने बताया कि उनका बेटा पूरे परिवार और समाज के लिए भगवान बन गया है. बेटे की शहादत के बाद उनका घर मंदिर बन गया है. बाहर से गुजरने वाले लोग भी घर की दहलीज पर अपना माथा टेक कर गुजरते हैं. पिता ने बताया कि शहीद बेटे ने परिवार को जो सम्मान दिलाया है, वह सम्मान अन्य किसी राह पर चलकर नहीं मिल सकता.

दूसरे बेटे को भी देश सेवा में भेजने की तमन्ना

शहीद अमित कोरी के पिता ने बताया कि बेटे की शहादत के बाद प्रदेश सरकार के सभी वादे तकरीबन पूरे हो चुके हैं. बेटे का शहीद स्मारक भी बनकर तैयार हो गया है. पिता ने बताया कि उनकी इच्छा है कि वह अपने दूसरे बेटे को भी देश सेवा की राह पर भेजें, लेकिन उनकी यह इच्छा पूरी नहीं हो पाई है. शहीद के पिता सोहनपाल ने बताया कि केंद्र सरकार ने शहीद परिवार के एक व्यक्ति को सेना में नौकरी देने का आश्वासन दिया गया था, लेकिन यह वादा पूरा नहीं हो पाया है. प्रदेश सरकार के सभी वादे के मुताबिक उनके एक बेटे को शामली जिले में ही राजस्व सहायक के रूप में नौकरी दी गई है. पिता बताते हैं कि यह उनके लिए मायने रखता है कि उनके परिवार से कोई ओर भी देश सेवा की राह पर आगे बढ़े, लेकिन अभी तक ऐसा नहीं हो पाया है.

Last Updated : Feb 14, 2021, 3:19 PM IST

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