शाहजहांपुर: 'शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले, वतन पर मरने वालों का बस यही बाकी निशां होगा', यह चंद लाइनें शाहजहांपुर के अमर शहीद अशफाक उल्ला खां (Shaheed Ashfaq Ullah Khan) पर बिल्कुल सटीक बैठती हैं, जो मुल्क की आजादी के खातिर हंसते-हंसते फांसी के फंदे पर झूल गए. अशफाक उल्ला खां (Shaheed Ashfaq Ullah Khan) और शहीद पंडित राम प्रसाद बिस्मिल (Pandit Ram Prasad Bismil) की दोस्ती हिंदू-मुस्लिम एकता की एक मिसाल है, जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता. इन शहीदों की कुर्बानी पर भारतवासियों को गर्व है. काकोरी कांड (kakori kand) के महानायक अशफाक उल्ला खां का परिवार उनकी एक-एक ऐतिहासिक पल को संजोए हुए है.
दरअसल, शाहजहांपुर को शहीदों की नगरी के रूप में जाना जाता है, क्योंकि यह स्थान काकोरी कांड के महानायक क्रांतिकारी अशफाक उल्ला खां पंडित राम प्रसाद बिस्मिल और ठाकुर रोशन सिंह की जन्मस्थली है और शाहजहांपुर से ही काकोरी कांड की रूपरेखा तैयार की गई थी, जिसके बाद काकोरी कांड को अंजाम तक पहुंचाया गया था, जिसके बाद अंग्रेजों ने इन तीनों क्रांतिकारियों को गिरफ्तार करके अलग-अलग जेलों में डाल दिया, जिसके बाद 19 दिसंबर 1927 को इन तीनों काकोरी कांड के महानायकों को फांसी दे दी गई.
शहीद अशफाक उल्ला खां का जन्म शहर के मोहल्ला एमनजई जलालनगर में 22 अक्टूबर 1900 को हुआ था. उन्होंने शाहजहांपुर के एवी रिच इंटर कॉलेज में पढ़ाई की थी. यहां उनके साथ राम प्रसाद बिस्मिल उनके सहपाठी थे. यह दोनों कॉलेज में पढ़ने के बाद आर्य समाज मंदिर में देश की आजादी की रूपरेखा तैयार करते थे. जिले का आर्य समाज मंदिर हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल है. इस मंदिर के पंडित राम प्रसाद बिस्मिल के पिता पुजारी थे. इसी आर्य समाज मंदिर में पंडित राम प्रसाद बिस्मिल जो कि पंडित है और अशफाक उल्ला खां जो कट्टर मुसलमान थे. इन दोनों की दोस्ती आज भी हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल पेश करती है. दोनों एक ही थाली में खाना खाया करते थे. मुस्लिम होते हुए भी अशफाक उल्ला खां आर्य समाज मंदिर में अपना ज्यादा से ज्यादा समय बिताते थे और देश की आजादी के लिए नई-नई योजनाएं बनाया करते थे. इन दोनों की अमर दोस्ती ने काकोरी कांड (Kakori kand) करके अंग्रेजों से लोहा लिया था काकोरी कांड (Kakori kand) के बाद दोनों दोस्तों को अलग-अलग जेलों में फांसी दे दी गई और दोनों 19 दिसंबर 1927 को हंसते-हंसते फांसी के फंदे पर झूल गए.