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Published : Feb 9, 2019, 3:55 AM IST

Updated : Sep 4, 2020, 3:10 PM IST

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अमेरिका की VIP नौकरी छोड़कर गायों की सेवा कर रहे शरद गंगवार

शरद गंगवार अमेरिका की ऊंची तनख्वाह वाली नौकरी छोड़कर उन्होंने गायों में अपना रोजगार तलाशा है क्योंकि वह अपने देश की सेवा करना चाहते हैं.

अपनी गायों के साथ शरद गंगवार

शाहजहांपुर : जिले में एक अमेरिका रिटर्न शख्स ने वहां की वीआईपी नौकरी छोड़ कर गायों में अपना रोजगार तलाशा. आज यह शख्स शाहजहांपुर में सबसे बड़ा दूध उत्पादन करने वाला किसान बन गया है. अमेरिका रिटर्न इस गोपालक के काम को देखने के लिए खुद जिला अधिकारी सहित तमाम अफसर वहां पहुंच रहे हैं और उसके जज्बे को सलाम भी कर रहे हैं.

गायों की सेवा कर रहे इस शख्स का नाम शरद गंगवार है लेकिन जब आप इनके जज्बे के बारे में सुनेंगे, तो इनकी सोच पर आपको भी गर्व होगा. शरद गंगवार अमेरिका की ऊंची तनख्वाह वाली नौकरी छोड़कर उन्होंने गायों में अपना रोजगार तलाशा है क्योंकि वह अपने देश की सेवा करना चाहते हैं.

दरअसल, हर तहसील के रामपुर गांव के रहने वाले शरद गंगवार ने दिल्ली से एमबीए की पढ़ाई करने के बाद अपने करियर की शुरुआत की थी. 2009 में अमेरिका के न्यूयॉर्क में उन्होंने अमेरिकन एक्सप्रेस नाम की कंपनी में नौकरी मिल गई लेकिन 5 साल बाद उन्हें देश की मिट्टी अपने वतन और अपने गांव खींच लाई. 2014 में वह वापस लौट आए और उन्होंने 2015 में चार गायों से अपने करियर की शुरुआत की लेकिन आज उनके पास 75 गायें हैं. ये गायें आज उनके लिए सबसे बड़ा रोजगार बन चुकी है.

देखिए कैसे गायों की सेवा करते हैं शरद

सबसे बड़े दूध उत्पादक हैं
आज इन गायों से रोजाना 200 लीटर दूध का उत्पादन होता है. यही वजह है कि आज वह पूरे जिले के सबसे बड़े दूध उत्पादक हैं. उनका कहना है कि डॉक्टर-इंजीनियर बनने के बाद लोग अपनी काबिलियत विदेशों को बेंच देते हैं लेकिन अगर अपनी योग्यता के हुनर अपने देश के लिए इस्तेमाल करें तो देश की दशा और दिशा दोनों बदल सकती हैं.

गायों से हो चुकी है शरद की पहचान
शरद की जिंदगी अपनी गायों और इसी गौशाला में गुजरती है. इसमें उनका साथ उनकी पत्नी भी देती हैं. इतना ही नहीं, उनकी इस गौशाला से 8 और लोगों को भी रोजगार मिला है. हर गाय उन्हें पहचानती है. शरद के इसी जज्बात को देखने के लिए जिला प्रशासन के अफसर भी उनके गौशाला को देखने यहां आते हैं. अधिकारी भी इस अमेरिका रिटर्न गौसेवक के जज्बे को सलाम कर रहे हैं.

पैसा कमाने के लिए आज न जाने कितने हिंदुस्तानी विदेशों की नागरिकता तक ले चुके हैं. आज वह हिंदुस्तान को भूल चुके हैं, लेकिन शरद को अपने वतन की मिट्टी की खुशबू ने अपने गांव तक खींच लाई है. आज वो अपनी इन्हीं गायों से अपना भविष्य तलाश रहे हैं. गायों के प्रति लगाव रखने वाले शरद अपने जिले के शान बने हुए हैं.

Last Updated : Sep 4, 2020, 3:10 PM IST

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