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शाहजहांपुर: कैबिनेट मंत्री के कार्यक्रम में बाल मजदूरी, सवाल पूछने पर भड़के नगर आयुक्त - कैबिनेट मंत्री सुरेश कुमार खन्ना के कार्यक्रम में बाल मजदूरी

उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले में कैबिनेट मंत्री सुरेश कुमार खन्ना के कार्यक्रम में बच्चों से काम कराने का मामला सामना आया है. वहीं जब इस मामले में नगर आयुक्त से सवाल किया गया तो वो भड़क गये.

child labor in shahjahanpur
कैबिनेट मंत्री सुरेश कुमार खन्ना के कार्यक्रम में बाल मजदूरी

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Published : Jul 5, 2020, 4:29 AM IST

Updated : Sep 4, 2020, 3:10 PM IST

शाहजहांपुर: सूबे के कैबिनेट मंत्री सुरेश कुमार खन्ना को खुश करने के लिए नगर निगम ने छोटे बच्चों को बाल मजदूरी पर लगा दिया. यहां पौधरोपण के कार्यक्रम में गहरे गड्ढे खुदवाने के लिए छोटे-छोटे बच्चों को काम पर लगाया गया, जिसके एवज में उन्हें 100 से 200 रुपये मजदूरी दी गई. वहीं जब नगर आयुक्त से इस बारे में सवाल पूछा गया तो वे भड़कते हुए नजर आए.

कैबिनेट मंत्री के कार्यक्रम में बाल मजदूरी.

दरअसल, कैबिनेट मिनिस्टर सुरेश कुमार खन्ना शनिवार को एक जैव विविधता पार्क का उद्घाटन करने के लिए शाहजहांपुर पहुंचने वाले थे, जिसमें उन्हें पौधरोपण करना था. जब मजदूर नहीं मिले तो नगर निगम के अधिकारियों और कर्मचारियों ने छोटे-छोटे बच्चों को गड्ढा खोदने में लगा दिया. बच्चों का कहना है कि उन्हें दिन भर काम करने के बाद 200 रुपये दिए जाते हैं. मंत्री जी को खुश करने के लिए अधिकारी यह भी भूल गए कि बाल मजदूरी एक अपराध है.

कार्यक्रम स्थल पर लगा बोर्ड.

बता दें कि 3 करोड़ की लागत के इस पार्क में सुरेश कुमार खन्ना पौधरोपण करने आने वाले हैं. उससे पहले पौधे को लगाने के लिए छोटे बच्चों को काम पर लगाया गया. इसके साथ ही उनसे गड्ढे भी खुदवाए गए. वहीं इस पूरे में मामले में नगर आयुक्त संतोष शर्मा बच्चों को स्वेच्छा से काम करने और कृषि छात्र बताकर पल्ला झाड़ते हुए नजर आए. कैबिनेट मंत्री सुरेश कुमार खन्ना शाहजहांपुर से ही लगातार 8 बार विधायक चुने गए हैं.

जैव विविधता पार्क.

अगर कोई भी व्यक्ति 14 साल से कम उम्र के बच्चे से काम करवाता है या 18 साल के बच्चे को किसी खतरनाक व्यवसाय या प्रक्रिया में काम देता है तो उसे 6 महीने से 2 साल तक की जेल की सजा हो सकती है. साथ ही 20 से 50 हजार रुपये तक का जुर्माना भी हो सकता है. हालांकि इस नियम के कुछ अपवाद हैं. जैसे कि पारिवारिक व्यवसायों में बच्चे स्कूल से वापस आकर या गर्मी की छुट्टियों में काम कर सकते हैं. इसी तरह फिल्मों में बाल कलाकारों को काम करने की अनुमति है. खेल से जुड़ी गतिविधियों में भी वे भाग ले सकते हैं.

रजिस्टर न रखना, काम करवाने की समय-सीमा न तय करना और स्वास्थ्य व सुरक्षा सम्बन्धी अन्य उल्लंघनों के लिए भी इस कानून के तहत 1 महीने तक की जेल और साथ ही 10 हजार रुपये तक का जुर्माना भरने की सजा हो सकती है. यदि आरोपी ने पहली बार इस कानून के तहत कोई अपराध किया है तो केस का समाधान जुर्माना अदा करने से भी किया जा सकता है.

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इस कानून के अलावा और भी ऐसे अधिनियम हैं, जिनके तहत बच्चों को काम पर रखने के लिए सजा का प्रावधान है, लेकिन बाल मजदूरी करवाने के अपराध के लिए अभियोजन बाल मजदूर कानून के तहत ही होगा. इसमें फैक्ट्रीज अधिनियम, खान अधिनियम, शिपिंग अधिनियम, मोटर परिवहन श्रमिक अधिनियम आदि शामिल है.

Last Updated : Sep 4, 2020, 3:10 PM IST

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