शाहजहांपुरः गन्ना शोध परिषद के सेवानिवृत्त कर्मचारी की मौत पर परिवार ने विभाग पर गंभीर आरोप लगाए हैं. परिवार का कहना है कि कैंसर से पीड़ित की मौत की वजह आर्थिक तंगी रही. विभाग ने उनको 10 महीने से पेंशन नहीं दी. घर में जमा पूंजी और जेवर बेचकर इलाज किया गया, लेकिन फिर भी उन्हें बचा नहीं पाए.
परिवार का कहना है कि उनकी मौत का जिम्मेदार विभाग है. वहीं इस मामले में अधिकारियों का कहना है कि परिषद आय का आधा भाग पेंशन के लिए देता है जिसमें पेंशन की कम धनराशि कर्मचारियों को दी जाती है. फिलहाल परिवार को पेंशन प्रदान की जा रही है.
परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की मांग
दरअसल, गन्ना शोध परिषद के डाक रनर रहे रामनाथ द्विवेदी का शनिवार को निधन हो गया, जिसके बाद परिवार ने गन्ना शोध परिषद पर गंभीर आरोप लगाए हैं. परिवार का कहना है कि शिकायत के बाद भी पेंशन नहीं मिली, जिससे पैसा के अभाव में उचित इलाज ने मिलने से कैंसर पीड़ित की मौत हो गई. परिवार की मांग है कि उनके एक सदस्य को नौकरी और पारिवारिक पेंशन दी जाए.
गन्ना शोध परिषद की आय और 5 करोड़ की धनराशि के ब्याज को मिलाकर जमा राशि का आधा भाग पेंशनर को प्रदान की जाती है. जिसमें पेंशनर को वास्तविक पेंशन का कुछ ही धनराशि दी जाती है. ऐसा नियम शासन द्वारा निर्धारित है. इसमें गन्ना शोध परिषद कुछ नहीं कर सकता. फिलहाल परिवार को पेंशन प्रदान की जा रही है.
डॉ. जे.एन. सिंह, डायरेक्टर (गन्ना शोध परिषद)