शाहजहांपुर:लखीमपुर खीरी हिंसा (Lakhimpur Kheri violence) के बाद केंद्रीय राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी ( Union Minister Ajay Mishra Teni) की बर्खास्तगी और गिरफ्तारी की मांग को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा (Kisan Morcha) ने सोमवार सुबह से देशभर में छह घंटे का 'रेल रोको' (Rail Roko) आंदोलन किया. हरियाणा और पंजाब में किसान सुबह से रेल पटरियों पर बैठकर केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते रहे. किसान संगठनों ने आश्वासन दिया था कि उनका 'रेल रोको' आंदोलन पूरी तरह शांतिपूर्ण होगा. इसी क्रम में उत्तर प्रदेश के कई जिलों में किसानों का प्रदर्शन देखा गया. पीलीभीत में रेल रोको आंदोलन के दौरान संयुक्त मोर्चा के बीच गुटबाजी देखने को मिली.
शाहजहांपुर में किसान यूनियन ने सोमवार की सुबह 7 बजे से धरना शुरू कर दिया था और ट्रेन रोकने की तैयारियां चल रहीं थी, लेकिन जिला प्रशासन ने सभी किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं को पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस में नजरबंद कर रखा. वहीं किसान यूनियन के ट्रेन रोकने की सक्रियता को देखकर पुलिस ने कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर पुलिस लाइन ले गई. किसान यूनियन के जिला अध्यक्ष मनदीप सिंह का कहना है कि राष्ट्रीय आह्वान पर किसान यूनियन के कार्यकर्ता पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस में इकट्ठे हुए हैं. प्रशासन चाहे जितनी भी कोशिश कर ले. हम लोग ट्रेन रोक के ही रहेंगे.
इसी प्रकार में मेरठ संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर दस बजते ही किसान यूनियन के कार्यकर्ता रेलवे ट्रैक पर एकत्र हुए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. मेरठ शहर में 3 जगहों परतापुर,कंकरखेड़ा और सकौती पर किसान यूनियन कार्यकर्ता रेलवे ट्रैक पर बैठे हैं. हालांकि, जिला प्रशासन और पुलिस मुस्तैद है. इस बारे में किसान यूनियन के नेताओं ने लखीमपुर खीरी की घटना पर दुख व्यक्त किया और गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा के इस्तीफे की मांग की. यूनियन के नेताओं का स्पष्ठ कहना है कि जो भी निर्णय संयुक्त किसान मोर्चा लेगा उसी निर्णय के आधार पर आगे की रणनीति बनाई जाएगी. भाकियू नेताओं ने कहा सरकार किसानों की अनदेखी कर रही है. किसान तीन कृषि कानूनों को लेकर लंबे समय से आंदोलित हैं. किसान नेताओं का कहना है कि जब तक सरकार तीन कृषि कानून वापिस नहीं लेगी तब तक किसान पीछे हटने वाले नहीं हैं.
सुलतानपुर में भारतीय किसान मजदूर संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने रेल रोको आंदोलन के दौरान पुलिस स्टेशन में दलाली के मुद्दे को प्रमुखता से उठा दिया. सोमवार को प्रदर्शन के दौरान नगर कोतवाल द्वारा की गई अभद्रता पर भड़के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बोले हर स्थानों से दलाली खत्म हो जाए तो हम पुलिस कर्मियों को सम्मानित करने का काम करेंगे. उन्होंने, प्याज की जमाखोरी के मुद्दे को भी अफसरों के सामने उठाया. कहा क्या किसानों ने भी 50 के रुपए किलो प्याज बेचा था जो आज किसान इतने महंगे भाव में प्याज खरीदने को मजबूर है. यहां भी लखीमपुर घटना में घिरे मंत्री को तत्काल बर्खास्त किया जाए और उन्हें हिरासत में लेने की मांग की. इस दौरान नगर कोतवाल और भाकियू नेता हृदयराम वर्मा की तीखी नोकझोंक हुई. सीओ सिटी और एसडीएम सदर रामजीलाल के बीच बचाव पर मामला शांत हुआ.
किसानों के रेल रोको आंदोलन के दौरान सुरक्षा की दृष्टि से लखनऊ के उतरेठिया स्टेशन पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है. किसानों के आंदोलन को विफल बनाने के लिए पुलिस और पीएसी पूरी तरह से मुस्तैद नजर आ रही है. जीआरपी को भी हालात सामान्य रखने की जिम्मेदारी दी गई है. जिलाध्यक्ष गुरमीत सिंह के नेतृत्व में उतरेठिया स्टेशन पर किसान स्टेशन के अंदर जाकर ट्रेन को रोकने पर अड़े थे, लेकिन पुलिस ने किसानों को स्टेशन के बाहर ही रोक लिया. किसान कृषि कानून के विरोध में नारे लगाते हुए स्टेशन के बाहर मौजूद थे. किसानों के नेता लखनऊ जिलाध्यक्ष सरदार गुरमीत सिंह ने डीसीपी कासिम को अपना ज्ञापन दिया. DCP ने ज्ञापन को राष्ट्रपति पहुंचाने के लिए कहा. आश्वासन मिलने के बाद उतरेठिया स्टेशन पर किसानों ने धरना समाप्त किया कर दिया.
संयुक्त मोर्चा के बीच गुटबाजी
पीलीभीत में रेल रोको आंदोलन के दौरान संयुक्त मोर्चा के बीच गुटबाजी देखने को मिली. इस दौरान किसानों ने प्रदर्शन करते हुए भाकियू जिलाध्यक्ष सतविंदर सिंह के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे भी लगाए. यहां, बरेली से चलकर टनकपुर तक जाने वाली स्पेशल एक्सप्रेस ट्रेन को रोकने का प्रयास किया गया था. वह पीलीभीत रेलवे स्टेशन पर अपने निर्धारित समय 12.05 पर पहुंची, लेकिन रेलवे प्लेटफार्म पर किसानों के हंगामे के चलते यह ट्रेन अपने निर्धारित समय से 2 घंटे देरी से प्लेटफार्म से टनकपुर के लिए रवाना की गई.