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शाहजहांपुर: अधिवक्ता हत्या मामले में पुलिस का खुलासा, किराएदारी विवाद में 88 साल के वकील ने मारी थी गोली

शाहजहांपुर में कचहरी परिसर में अधिवक्ता भूपेंद्र प्रताप सिंह की हत्या मामले में पुलिस ने खुलासा कर दिया है. साथ ही हत्या के आरोप में अधिवक्ता सुरेश गुप्ता को गिरफ्तार किया गया है. हत्या के पीछे किराएदारी का विवाद होने की बात कही गई है.

अधिवक्ता हत्या मामले में पुलिस का खुलासा
अधिवक्ता हत्या मामले में पुलिस का खुलासा

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Published : Oct 19, 2021, 10:27 AM IST

शाहजहांपुर: शाहजहांपुर में कचहरी परिसर में अधिवक्ता भूपेंद्र प्रताप सिंह की हत्या मामले में पुलिस ने खुलासा कर दिया है. साथ ही हत्या के आरोप में अधिवक्ता सुरेश गुप्ता को गिरफ्तार किया गया है. हत्या के पीछे किराएदारी का विवाद होने की बात कही गई है. पुलिस की ओर से बताया गया कि सिंजई में अधिवक्ता सुरेश गुप्ता के मकान पर भूपेंद्र सिंह रहते थे और किराये को लेकर दोनों के बीच विवाद होने के बाद दोनों ने एक-दूसरे के खिलाफ कई मुकदमें दर्ज कराए थे. हालांकि, पुलिस की मानें तो सुरेश गुप्ता ने अपना जुर्म कुबूल लिया है. वहीं, पुलिस इस हत्या से संबंधित सभी गुत्थियों को सुलझा लेने का दावा कर रही है.

गौर हो कि शाहजहांपुर कचहरी परिसर में सोमवार की सुबह तीसरे माले पर स्थित रिकार्ड रूम के सामने अधिवक्ता भूपेंद्र प्रताप सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. हालांकि, मौके पर पहुंची पुलिस को घटनास्थल से एक तमंचा बरामद हुआ था.

अधिवक्ता हत्या मामले में पुलिस का खुलासा

इधर, कोर्ट परिसर में हत्या होने से कचहरी में हड़कंप मच गया था. वहीं, इस हत्या मामले में सियासत तब गरमा गई, जब बसपा सुप्रीमो मायावती, प्रियंका गांधी वाड्रा समेत तमाम नेताओं ने सूबे की योगी सरकार के खिलाफ प्रहार करने शुरू किए. इधर, अधिवक्ता की हत्या से आक्रोशित वकील भी सड़क पर उतर आए थे.

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वहीं, हत्या की सूचना के बाद मौके पर पहुंचे आला अधिकारियों ने जांच पड़ताल शुरू की और सीसीटीवी फुटेज व परिसर में घटना के समय मौजूद रहे लोगों के बयान दर्ज किए. इसके बाद पुलिस की नजर पूरी तरह से सुरेश गुप्ता पर जा टिक गई और उसे हिरासत में लेकर पूछताछ किए जाने पर उसने अपना गुनाह कुबूल लिया.

पुलिस से प्राप्त जानकारी के मुताबिक सुरेश गुप्ता ने पुलिस को बताया कि भूपेंद्र को अगर वे नहीं मारते तो उन्हें सुसाइड करना पड़ता. पुलिस के अनुसार जेब में तमंचा रखकर सुरेश कहचरी परिसर में आए थे. भूपेंद्र को रिकॉर्ड रूम के पास ऐसी जगह पर निशाना बनाया गया, जहां लोगों की आवाजाही कम थी.

हत्या के बाद मची भगदड़ में सुरेश भी वहां से भाग निकले और चुपचाप अपनी सीट पर आकर बैठ गए थे. बता दें कि अधिवक्ता हत्या में मामले में गिरफ्तार आरोपी सुरेश गुप्ता 88 साल के हैं और स्टेट बैंक से रिटायर हुए हैं.

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