नई दिल्ली:यूपी पुलिस ने दिल्ली हाईकोर्ट से कहा है कि उसने हिन्दू धर्म छोड़कर इस्लाम अपनाने वाली शाहजहांपुर की महिला को प्रताड़ित नहीं किया है. यूपी पुलिस ने हाईकोर्ट से कहा कि इस मामले में यूपी पुलिस ने धर्मांतरण विरोधी कानून के तहत न तो महिला के खिलाफ ही कोई एफआईआर दर्ज किया है और न ही उसके परिजनों के खिलाफ.
सुनवाई के दौरान यूपी पुलिस की ओर से वकील गरिमा प्रसाद ने कहा कि शाहजहांपुर पुलिस के संबंधित थाने का रिकार्ड चेक किया गया, जहां पीड़िता ने जाने का दावा किया है. लेकिन उस थाने में कोई केस दर्ज नहीं किया गया है. दरअसल महिला ने दावा किया है कि जब वो यूपी पुलिस के अधिकारियों के पास गई तो उसे धमकियां दी गईं.
पहले की सुनवाई के दौरान महिला की ओर से वकील तान्या अग्रवाल ने कहा था कि महिला ने जब इस्लाम धर्म कबूला उसके बाद पिछले छह और आठ अप्रैल को इस संबंध में विज्ञापन देने के बाद न्यूज चैनलों में खबरें प्रसारित करना शुरु किया. खबरें चलने के बाद उसे धमकियां मिलनी शुरु हो गईं. ऐसा करना गरिमापूर्ण जीवन जीने के उसके अधिकार और निजता के अधिकार का उल्लंघन है.
पांच जुलाई को कोर्ट ने महिला और उसके परिवार की सुरक्षा बढ़ाने का आदेश दिया था. सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस की ओर से वकील समीर वशिष्ठ ने कहा था कि पुलिस ने याचिकाकर्ता को उसके दिए पते पर ढूंढ़ने की कोशिश की, लेकिन उसे ढूंढ़ा नहीं जा सका. तब महिला की ओर से पेश वकील तान्या अग्रवाल ने कहा था कि महिला अपना पत्ता लगातार बदल रही है, क्योंकि उसकी जान को खतरा है. उन्होंने महिला को अंतरिम सुरक्षा देने की मांग की. इसके पहले पिछले 1 जुलाई को कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया था कि महिला और उसके परिवार को पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराएं जाएं.