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यहां आज भी बिस्मिल और अशफाक उल्ला की दोस्ती की कसमें खाते हैं लोग - बिस्मिल और अशफाक उल्ला की दोस्ती

शाहजहांपुर के लोग रामप्रसाद बिस्मिल और अशफाक उल्ला खां की दोस्ती के नाम की कसमें खाते हैं. दोनों महापुरूषों ने देश की स्वतंत्रता संग्राम के दौरान अपनी जान कुर्बान की थी. स्वतंत्रता संग्राम के दौरान दोनों महापुरूष एक साथ सारी योजनाओं को बनाते थे.

रामप्रसाद बिस्मिल और अशफाक उल्ला खां

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Published : Aug 10, 2019, 11:59 AM IST

Updated : Sep 4, 2020, 3:10 PM IST

शाहजहांपुर: काकोरी कांड के महानायकों की दोस्ती गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल है. यहां के लोग देशभक्त अशफाक उल्ला खां और पंडित राम प्रसाद बिस्मिल की सच्ची दोस्ती की कसमें खाते हैं. यह दोनों महानायक आपस में बहुत घनिष्ठ मित्र रहे थे. दोनों महापुरूष एक ही थाली में खाना खाते थे. इतना ही नहीं यहां के आर्य समाज मंदिर में बैठकर ये लोग देश को अंग्रेजों की गुलामी से मुक्त कराने की योजना भी बनाया करते थे.

रामप्रसाद बिस्मिल और अशफाक उल्ला खां की दोस्ती की गवाही देते हैं शाहजहांपुर के लोग.

शाहजहांपुर जिला काकोरी शहीद के महानायक के नाम से जाना जाता है. यहां काकोरी कांड के महानायक रामप्रसाद बिस्मिल, ठाकुर रोशन सिंह और अशफाक उल्ला खां ने देश की आजादी के लिए अपने प्राणों की आहुति दी थी. आज भी वोग शाहजहांपुर में अशफाक उल्ला खां और पंडित राम प्रसाद प्रसाद बिस्मिल की अटूट दोस्ती के लोग कसमें भी खाते हैं.

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पंडित राम प्रसाद बिस्मिल एक कट्टर ब्राह्मण थे और अशफाक उल्ला खां कट्टर मुसलमान. इसके बावजूद दोनों में इतनी गहरी मित्रता थी कि वे दोनों एक ही थाली में खाना खाते थे और देश को आजाद कराने की योजना बनाया करते थे. यहां के सदर बाजार स्थित आर्य समाज मंदिर में दोनों लोग अपना समय व्यतीत करते थे.

Last Updated : Sep 4, 2020, 3:10 PM IST

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