सिद्धार्थनगर :राज्य में बाबा के बुलडोजर और सख्त नीतियों की चर्चाएं हर जुबान पर हैं. इस दौरान शासन की ओर से जो भी कार्रवाई की जाती है, उसका व्यापक असर होता है. इसी बीच राशन कार्ड का सत्यापन और अपात्र पाए जाने पर कार्रवाई का डर भी अपात्रों में इस तरह छाया हुआ है कि वह बड़े पैमाने पर अपने राशन कार्डों को सरेंडर कर रहे हैं. इस बात की चर्चा कि अपात्र पाए जाने पर शासन उनसे रिकवरी भी करेगा, ने अपात्र लोगों की सांसें भी सुखा रखीं हैं.
जानकारी के अनुसार जिले में अब तक करीब 5 हजार कार्डधारकों ने स्वेच्छा से जिलापूर्ति कार्यालय में अपना राशन कार्ड सरेंडर कर दिया है. अभी इनकी संख्या दस हजार पहुंचने की उम्मीद है. जिलापूर्ति अधिकारी ने बताया कि अब तक शासन की मंशा के अनुरूप किसी पर दबाव नहीं डाला गया है. मौजूदा समय मे अपात्र कार्डधारक स्वेच्छा से 2014 की गाइडलाइन के अनुरूप खुद ही अपना राशनकार्ड सरेंडर कर रहे हैं. अपात्रों के राशनकार्ड सरेंडर करने से गरीब पात्रों के राशनकार्ड बनने की संभावना बढ़ गई है.
जिलापूर्ति कार्यालय के बाहर और अंदर मंगलवार को लगी ये भीड़ कभी राशनकार्ड बनवाने के लिए परेशान थी. आज यही लोग स्वेछा से अपने को अपात्र घोषित कर अपना राशनकार्ड जल्द से जल्द सरेंडर करना चाह रहे हैं. दरअसल, पिछले दिनों इस बात की चर्चा जोरों पर रही कि जल्द ही राशनकार्ड धारकों के पात्रता की जांच की जाएगी और अपात्रों से रिकवरी भी की जाएगी. अपुष्ट तथ्यों के आधार पर की जा रही इन चर्चाओं का असर दिखा. जो काम सालों से विभागीय अधिकारी नहीं कर सके, वह रातोंरात हो गया. अपात्रों ने बड़ी संख्या में अपना कार्ड सरेंडर करना शुरू कर दिया.
पात्रों को मिलेगा मौका :सिद्धार्थनगर जिला ही नहीं पूरे प्रदेश में राशनकार्ड धारकों की संख्या इतनी बढ़ गई थी कि पात्र गरीबों का नया कार्ड नहीं बन पा रहा था. जिम्मेदार अपात्र अमीरों का कार्ड निरस्त करना चाहते थे लेकिन उनके असर रसूख के आगे बेबस थे. अब वही लोग जो 2014 के गाइड लाइन के अनुसार अपात्र हैं. वे किसी तरह अपना कार्ड निरस्त कराने में जुट गए हैं.