दुनिया की सबसे छोटी कालीन बनाने का रिकॉर्ड भदोही के बुनकर के नाम - limca world record
कहा जाता है कि अगर इरादे पक्के हों तो आप हर मुकाम हासिल कर सकते हैं. इस कथन को सही साबित कर दिखाया था भदोही जिले के जमुनीपुर गांव निवासी रामरति बिंद ने.
भदोही :टीवी पर देख दुनिया की सबसे छोटी कालीन में सबसे ज्यादा गांठ लगाने का ऐसा जज्बा जिसने रामरति बिंद को अमर कर दिया. रामरति बिंद भदोही जिले के जमुनीपुर गांव मोड पुरानी बाजार के रहने वाले एक गरीब परिवार के बुनकर थे. 70 के दशक में जब नौकरी करने के लिए बीकानेर पहुंचे तो वहां उन्होंने टीवी पर एक तुर्की बुनकर को एक छोटी सी कालीन में 3600 गांठ बनाकर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाते हुए देखा. तभी से उनको ऐसा जुनून चढ़ा कि उन्होंने उस वर्ल्ड रिकॉर्ड को तोड़ने की ठान ली. वह नौकरी छोड़ कर अपने गृह जिला भदोही चले आए और यहां खुद का कालीन बुनाई का काम शुरू कर दिया. कई सालों की कड़ी मेहनत के बाद उन्होंने कालीन बुनाई में पारंगत हासिल कर ली.
उन्होंने 1 साल की कड़ी मेहनत के बाद 1 इंच स्क्वायर फीट में 6000 गांठ बनाकर लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करा लिया. उन्होंने अपने जीवन में कई दूसरे देशों में जाकर बुनाई की ट्रेनिंग भी की. केआर नारायणन की तस्वीर 2 इंच चौड़ी और 2.5 इंच लंबी एक कालीन पर बनाई जिस पर 1 स्क्वायर फीट में 6000 गाठों को देकर तुर्की का रिकॉर्ड तोड़ा और सन् 2002 में अपना नाम लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज कराया. उनकी दो बेटियां राजकुमारी और कुसुम और एक बेटा आज भी छोटी कालीन के निर्माण में लगे हैं और भदोही का नाम पूरे विश्व में आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं. लिम्का बुक में नाम दर्ज कराने वालेरामरतिबिंद की पिछले साल जून के महीने में मृत्यु हो गई. उन्होंने अपनी कालीन पर भारत के कई सारे नेताओं और स्वतंत्रता सेनानियों के चित्र भी उकेरे जो कालीन की दुनिया में पहली पहल थी.