भदोही:कोरोना वायरस से लड़ने के लिए चाचा-भतीजी की जनपद में जमकर प्रशंसा हो रही है. भिदिउरा गांव में सरकार के द्वारा साफ-सफाई न कराने और बाजारों में मास्क और सैनिटाइजर न मिलने की वजह से लोग काफी परेशान थे. गरीब व्यक्ति जो सामान खरीदने में सक्षम नहीं है, उनके लिए भी लॉकडाउन बड़ी मुसीबत बनी हुई थी, लेकिन चाचा-भतीजी की जोड़ी की वजह से पूरे गांव ने राहत की सांस ली है.
चाचा का नाम रत्नाकर पाठक और भतीजी का नाम गुड़िया है. भतीजी प्रतिदिन मास्क बनाती है. जबकि चाचा पूरे गांव को ग्रामीणों के साथ मिलकर सैनिटाइज कराते हैं और गरीबों में राशन, साबुन और अन्य सामग्री वितरित करवाते हैं. कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए लॉकडाउन चल रहा है. ऐसे में गांव में ग्रामीणों ने एक-दूसरे की मदद के लिए एक अच्छी पहल शुरू की है.
कौन है गुड़िया
कोरोना वायरस की जंग में ग्रामीण इलाकों की बेटियां भी किसी से पीछे नहीं है. भिदिउरा गांव की रहने वाली गुड़िया पढ़ाई के साथ सिलाई का काम भी करती हैं. गांव के ग्रामीणों तक मास्क नहीं पहुंच पाए. ऐसे में गुड़िया ने ग्रामीणों के लिए अभी तक 500 से ज्यादा मास्क अपने हाथों से बना डाले हैं. आम दिनों में गुड़िया सिलाई के एवज में लोगों से रूपये लेती थीं, लेकिन कोरोना की जंग में इन्होने अपने गांव वासियों के लिए नि:शुल्क मास्क की सिलाई कर रही हैं.