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ट्रामा सेंटर : न डॉक्टर न ही कोई व्यवस्था, मरीज परेशान

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र औराई परिसर में एक करोड़ 68 लाख की लागत से बना ट्रामा सेंटर शोपीस बनकर रह गया. 6 माह पूर्व हैंडोवर होने वाला ट्रामा सेंटर में अब सिर्फ वैक्सीनेशन सेंटर और बैठक हाल बनकर रह गया है.

टीकाकरण के प्रयोग में लाए गए इंजेक्शन-रैपर ट्रामा सेंटर कें बाहर फेंकी गई
टीकाकरण के प्रयोग में लाए गए इंजेक्शन-रैपर ट्रामा सेंटर कें बाहर फेंकी गई

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Published : Mar 13, 2021, 8:08 PM IST

संत रविदास नगर :सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र औराई परिसर में एक करोड़ 68 लाख की लागत से बना ट्रामा सेंटर शोपीस बनकर रह गया. 6 माह पूर्व हैंडोवर होने वाला ट्रामा सेंटर में अब सिर्फ वैक्सीनेशन सेंटर और बैठक हाल बनकर रह गया है. सुविधाओं के अभाव में लोगों को असुविधा का सामना करना पड़ता है.

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जनपद सृजन के बाद से जिले में ज्ञानपुर के महाराजा चेत सिंह जिला चिकित्सालय, बलवंत सिंह चिकित्सालय समेत 5 सीएचसी और 16 पीएचसी संचालित हैं. सड़क दुर्घटना में हड्डी और सिर में गंभीर चोट लगने पर विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी से सीएससी औराई गोपीगंज जिला अस्पताल ज्ञानपुर में आने वाले मरीजों को वाराणसी या प्रयागराज रेफर कर दिया जाता है. कई बार गंभीर रूप से घायल मरीज रास्ते में ही दम तोड़ देतें हैं. इसे देखते हुए 2016 में तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्रामा सेंटर की घोषणा की. दिसंबर 2016 में तत्कालीन विधायक मधुबाला ने इसकी आधारशिला रखी.


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हालांकि 2017 में सत्ता परिवर्तन के बाद भूमि पूजन किया गया. कार्यदायी संस्था ने 6 माह पूर्व स्वास्थ्य विभाग को भवन हैंड ओवर कर दिया. उक्त भवन का प्रयोग स्वास्थ्य विभाग अन्य कार्यों में कर रहा हैं. विभागीय अधिकारियों की उदासीनता से आज तक ट्रामा सेंटर में न तो डॉक्टर हैं और न ही कोई अन्य व्यवस्था. ट्रामा सेंटर अपनी ही दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है. ट्रामा सेंटर को भी वैक्सीनेशन सेंटर या कभी मीटिंग के लिए उपयोग किया जा रहा है.

टीकाकरण के प्रयोग में लाए गए इंजेक्शन-रैपर ट्रामा सेंटर कें बाहर फेंकी गई
ट्रामा सेंटर के बाहर टीकाकरण के प्रयोग में लाई गई सामग्री को बाहर फेंका गया है. जिस जगह सामग्री फेंकी गई है, वहां लोगों का आना जाना भी है जबकि नियम के मुताबिक इस तरह प्रयोग की गई सामग्री को ऐसे खुले में नहीं फेंका जा सकता है लेकिन उसके बाद भी स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों द्वारा किस तरह से लापरवाही बरती जा रही है, इसका अंदाजा कोई भी फेंकी गई इन सामग्रियों को देखकर लगा सकते है. मुख्य चिकित्सा अधिकारी लक्ष्मी सिंह ने कहा कि आपके द्वारा हमारे संज्ञान में आया है. इस संबंध में संबंधित अधिकारियों को फोन कर उन्हें वार्निंग दी गई है. आगे ऐसी गलती होने पर कार्रवाई की जाएगी.

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