भदोही : कोरोना काल में दाखिले में देरी और आवेदन में खामियों के कारण जिले के तीन हजार छात्र-छात्राओं के छात्रवृत्ति पर संकट के बादल मड़राने लगे हैं. समाज कल्याण विभाग के सत्यापन में तीन हजार आवेदन संदिग्ध मिले हैं. सुधार के लिए शिक्षण संस्थानों को मौका दिया गया है.
ये अभ्यर्थी अध्ययनरत
जिले में 28 महाविद्यालय, 15 से अधिक आईटीआई कॉलेज, 61 मदरसा, 185 माध्यमिक एवं इंटर कॉलेज संचालित हैं. जिसमें सामान्य, ओबीसी, अनुसूचित और अल्पसंख्यक वर्ग के करीब एक लाख से अधिक छात्र-छात्राएं, अभ्यर्थी अध्ययनरत हैं. आर्थिक रूप से कमजोर छात्र-छात्राओं को सरकार छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति का लाभ देती है. समाज कल्याण, पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के माध्यम से यह सुविधा दी जाती है. वर्ष 2020 में कक्षाओं में प्रवेश लेने वाले करीब 20 हजार से अधिक छात्र-छात्राओं ने छात्रवृत्ति के लिए आवेदन किया. इस दौरान जल्दबाजी में आवेदन भरने में काफी त्रुटियां की गई. जिसके चलते तीन हजार आवेदन संदिग्ध मिले हैं.
3 हजार छात्र-छात्राओं के आवेदन संदिग्ध
समाज कल्याण विभाग की ओर से की गई जांच में तीन हजार आवेदन संदिग्ध मिले हैं. ऐसे आवेदनों के सही न होने पर छात्रवृत्ति नहीं मिल सकती. दरअसल, छात्रों ने बैंक एकाउंट नंबर, आय-जाति प्रमाणपत्र का सीरियल नंबर, पंजीकरण संख्या सहित अन्य विवरण गलत अपलोड कर दिए हैं. इसे देखते हुए समाज कल्याण विभाग ने ऐसे छात्रों का आवेदन संदिग्ध की श्रेणी में शामिल कर लिया है. समाज कल्याण विभाग की ओर से शिक्षा महकमे को पत्र लिखकर सुधार का मौका दिया गया है. समाज कल्याण अधिकारी महेंद्र यादव ने बताया कि सत्यापन में दशमोत्तर और उच्च शिक्षा के तीन हजार छात्र-छात्राओं के आवेदन संदिग्ध मिले हैं. सुधार के लिए माध्यमिक शिक्षा विभाग को पत्र लिखा गया है.
इंटर कॉलेज, आईटीआई, महाविद्यालय समेत अन्य शिक्षण संस्थान के प्रधानाचार्य, प्राचार्य को पत्र लिखकर आवेदन में सुधार करने के लिए कहा गया है. लेट-लतीफी होने पर अगर छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति नहीं मिली, तो वे खुद इसके जिम्मेदार होंगे.
-अशोक चौरसिया, डीआईओएस
काफी प्रयास के बाद भी आवेदन नहीं सबमिट नहीं हो सका, जिससे वजीफा मिलने पर संकट दिख रहा है. शिक्षा विभाग की ओर से मौका दिया गया है. सुधार कराकर आवेदन किया जाएगा.
-आशुतोष कुमार पाल, छात्र, वीएनजीआईसी