भदोहीः चाक चलाकर मिट्टी से दीपक समेत कई सामान बनाने वाले यह कुम्हार, आज से नहीं बल्कि कई पुश्तों से हमारे और आपके घरो को रौशन करते आ रहे हैं. दीपावली के मौके पर इन्ही कुम्हारों की वजह से हमारे घरों में रौशनी होती आई है, लेकिन आधुनिक दौर का असर इन पर बीते वर्षों में इतना पड़ा की, नई पीढ़ी को दूसरे रोजगारों की तरफ रुख करना पड़ा. पिछले दस साल से 40 रुपये प्रति सैकड़ा बिकने वाला दीपक, आज बढ़ सिर्फ 50 रुपये तक ही पहुंच पाया है.
भदोही जिले के औराई विधानसभा क्षेत्र के डेरवा गांव में वर्षों से दीये बनाने का काम करने वाले कुम्हारों की पुश्तैनी काम अब खत्म होने के कगार पर है. कुम्हारों का कहना है कि पहले गंगा के किनारे से मिट्टी भर लगाते थे, लेकिन अब मिट्टी खरीदनी पड़ रही है. एक टाली मिट्टी की कीमत आज 300 से 400 रुपये है. फिर उपलों की भी व्यवस्था करनी पड़ती है. कुम्हारों का कहना है कि कच्चे माल के दाम जरूर बढ़े हैं, लेकिन पक्के माल का दाम जस का तस बना हुआ है.