भदोही: नवरात्रि के अंतिम दिन रामनवमी को लोगों ने घरों में ही पूजा-अर्चना की. महिलाओं ने पूरी रात माता के लिए भोग बनाए और पूजन किया. वहीं लॉकडाउन के चलते मंदिरों पर सन्नाटा पसरा रहा. महिलाओं ने मंदिरों के बजाय घरों में ही पूजा करना सुरक्षित समझा.
लॉकडाउन के चलते मंदिरों में पसरा सन्नाटा
लॉकडाउन की वजह से मंदिरों के देवी पट नहीं खुले हैं. श्रद्धालुओं ने नौ कन्याओं को और एक भैरव बालक को भोजन कराया. वहीं कुछ लोगों ने लॉकडाउन के दौरान भूखे लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था कर पुण्य अर्जित किया.
मान्यता है कि माता रानी न्याय प्रिय हैं. इनकी पूजा करने से घरों के दुख दूर हो जाते हैं. वहीं माता रानी पत्नी के सुहाग की रक्षा करती हैं. ऐसी मान्यता है कि माता रानी न्याय प्रिय हैं और वह सबके साथ न्याय करती हैं. नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा को नौवें स्वरूप मां सिद्धिदात्री की पूजा-अर्चना और सिंगार कर उनकी विदाई की जाती है.
जानकारी देते हुए मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य मुनि देव ने कहा कि आज के दिन घरों में ही अनुष्ठान किया जाता है. माता रानी का भोग घरों में चढ़ाया जाता है. कुछ लोग ब्राह्मणों को घर पर ही बुलाकर पूजा करा रहे हैं. माता रानी से प्रार्थना कर रहे हैं कि कोरोना के संक्रमण से जल्द से जल्द छुटकारा मिले.