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भदोही: प्रशासन की लापरवाही से सांसद जयाबच्चन के 15 प्रोजेक्ट अभी भी पड़े अधूरे - भदोही खबर

उत्तर प्रदेश के भदोही में विकास कार्यों की रफ्तार इतनी धीमी है कि राज्यसभा से सांसद जया बच्चन ने 2018 में 20 कार्यों की अनुमति ली थी, जबकि सिर्फ 5 कार्य अभी पूरे कराए गए हैं. बाकी 15 काम अधूरे हैं. जया बच्चन ने दूसरी बार भदोही को 2018 में गोद लिया था.

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जिला प्रशासन की लापरवाही से लंबित पड़े विकास कार्य.

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Published : Dec 5, 2019, 6:32 PM IST

भदोही:जिले में चल रहे विकास कार्यों का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यहां के रहे सांसदों का कार्य अभी तक अधूरा पड़ा हुआ है. सांसद अपना संसदीय क्षेत्र छोड़कर दूसरे क्षेत्रों से चुनाव जीतकर संसद पहुंच चुके हैं. भदोही में विकास कार्यों की रफ्तार बहुत धीमी है. जया बच्चन जो राज्यसभा से सांसद हैं ने भदोही को गोद लिया है. उन्होंने दूसरी बार भदोही को 2018 में गोद लिया है, जबकि यह प्रोजेक्ट जब पहली बार गोद लिया था तब का है. उनके द्वारा 20 कार्यों की अनुमति दी गई थी, जबकि सिर्फ 5 कार्य अभी पूरे कराए गए हैं, बाकी 15 अधूरे हैं.

जिला प्रशासन की लापरवाही से लंबित पड़े विकास कार्य.

सांसद के 51 प्रोजेक्ट अभी भी पड़े अधूरे
पिछली बार की मोदी सरकार में भदोही संसदीय क्षेत्र से वीरेंद्र सिंह मस्त को भदोही की जनता ने अपना सांसद चुनकर भेजा था. अपने कार्यकाल में उन्होंने 161 कार्यों की अनुमति दी थी, जिसमें से अभी 110 कार्य पूर्ण हो चुके हैं, जबकि 51 कार्य अभी भी प्रगति पर हैं. प्रशासनिक लापरवाही की वजह से यह काम अभी तक पूरे नहीं हो पाए हैं. लोकसभा चुनाव को संपन्न हुए 6 माह से अधिक समय बीत चुका है. नियमानुसार 5 वर्ष में प्रस्तावित कार्यों को समय से पूर्ण हो जाना चाहिए था, लेकिन अभी भी सांसद के द्वारा निर्धारित किए गए कार्यों में से 51 प्रोजेक्ट अधूरे पड़े हैं.

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सीडीओ ने निर्माण एजेंसियों को दी चेतावनी
बार-बार चेतावनी देने के बाद भी निर्माण एजेंसियां कार्य को पूरा करने में लापरवाही बरत रही हैं. मुख्य विकास अधिकारी ने निर्माण एजेंसियों को हिदायत दी है कि समय से कार्य पूर्ण कराया जाए, क्योंकि इसमें पहले ही काफी विलंब हो चुका है. अब इससे भी अधिक अगर विलंब होता है तो उन पर कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि कई काम बरसात की वजह से रुक गए गए थे, जबकि कुछ कार्य विवादों की वजह से नहीं पूरे हो पाए हैं.

प्रशासन इन कार्यों में लापरवाही बरत रहा है. जो 161 कार्य है वह सिर्फ 2018-19 के वित्तीय वर्ष के हैं, जबकि 2014 से लेकर 2018 तक भी 123 प्रोजेक्टों की अनुमति मिली थी, जिसके बारे में प्रशासन कोई जानकारी नहीं दे पा रहा है.

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