भदोहीः विदेशी मुद्रा अर्जित करने वाली हस्तनिर्मित कालीन उद्योग को आम बजट से काफी उम्मीदें थी, लेकिन बजट में सीधे तौर पर कालीन उद्योग को कोई लाभ नहीं दिया गया. कालीन निर्यातक चाहते थे कि मशीनमेड कालीनों के सामने हस्तनिर्मित कालीन उद्योग को गति देने के लिए सरकार को सब्सिडी में बढोतरी करनी चाहिए थी, ऐसा न होने से हस्तनिर्मित कालीन उद्योग की चुनौतियां और बढ़ गई हैं. हालांकि निर्विक बीमा योजना और एक्सपोर्ट हब बनाने के ऐलान से कालीन उद्योग को जरूर कुछ फायदा पहुंच सकता है, जिसकी समीक्षा करने में निर्यातक जुटे हुए हैं.
मशीनमेड कालीन हस्तनिर्मित कालीन के लिए बनी चुनौती
पूरे देश से 12 हजार करोड़ से अधिक की कालीन विदेशी बाजारों में निर्यात की जा रही हैं. मशीनमेड कालीन हस्तनिर्मित कालीनों के सामने बड़ी चुनौती बनकर इस उद्योग को नुकसान पहुंचा रही हैं. ऐसे में कालीन उद्योग के निर्यताकों की मांग थी कि पूर्व में निर्यात पर मिलने वाले दस फीसदी ड्रा बैक सब्सिडी को दोबारा शुरू करना चाहिए.