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स्वामित्व योजना के तहत 872 गावों का हुआ चयन, ड्रोन से होगा सर्वे

भदोही जिले में स्वामित्व योजना का लाभ देने के लिए प्रशासन ने 872 राजस्व गावों का चयन किया है. ड्रोन कैमरे से ग्राम समाज की भूमि का सर्वे किया जाएगा और उसी के आधार पर भूमि से जुड़े सभी दस्तावेज तैयार किए जाएंगे.

स्वामित्व योजना
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Published : Dec 5, 2020, 2:10 PM IST

भदोही : जिले में स्वामित्व योजना का लाभ देने के लिए प्रशासन ने 872 राजस्व गावों का चयन किया है. ड्रोन कैमरे से ग्राम समाज की भूमि का सर्वे किया जाएगा. उसी के आधार पर भूमि से जुड़े सभी दस्तावेज तैयार किए जाएंगे. तीनों तहसीलों के लिए एक-एक ड्रोन कैमरे की मांग की गई है.

दरअसल, ग्रामीण आबादी क्षेत्र की जमीनों के दस्तावेज समुचित ढंग से राजस्व अभिलेखों में दर्ज नहीं हो पाते हैं, इसीलिए इन क्षेत्रों में ग्रामीणों को स्वामित्व का अधिकार देने के लिए दस्तावेज तैयार किए जा रहे हैं.

872 राजस्व गांवों का किया गया चयन

दरअसल, सरकार ने स्वामित्व योजना शुरू की है. पहले चरण में तीनों तहसीलों के पास 5 गांव का चयन हुआ था, जिसमें करीब 400 लोगों को स्वामित्व कार्ड दिया गया. अब प्रशासन ने 872 राजस्व गांवों का चयन किया है जिसमें आबादी की जमीन का सर्वे किया जाएगा. सर्वे के बाद मानचित्र और अभिलेख तैयार किए जाएंगे. इस तरह से तैयार अभिलेखों के आधार पर ग्रामीणों को संपत्ति कार्ड जारी कर दिया जाएगा, इसे ग्रामीण मालिकाना हक के रूप में प्रयोग करेंगे.

जमीनी विवाद का होगा आसानी निपटारा

बता दें कि ग्रामीण आबादी में अधिकतर व्यक्तियों के पास मालिकाना अभिलेख नहीं होते इस कारण आबादी की भूमि को लेकर अक्सर विवाद होता रहता है. विभिन्न न्यायालयों में मुकदमे भी चलते हैं. इस प्रकार के विवादों को खत्म करने के लिए सरकार ने आबादी स्वामित्व योजना शुरू की है. अपर जिला अधिकारी शैलेंद्र कुमार मिश्र ने बताया कि योजना में राजस्व विभाग के लेखपाल, ग्रामीण क्षेत्रों की संपत्तियों का अभिलेख तैयार करेंगे तथा मकान को नंबर दिए जाएंगे. मकानों की सीमा पर डाल कर सर्वे ऑफ इंडिया की ओर से ड्रोन तकनीकी से आबादी का मानचित्र तैयार किया जाएगा. सत्यापन के बाद जमीन में संपत्ति के रजिस्टर ग्रामीणों को उपलब्ध कराए जाएंगे. जिला प्रशासन द्वारा अनुमान लगाया गया है कि भदोही के सभी गांव के व्यक्तियों को योजना से जोड़ दिया गया तो यहां कचहरी में चल रहे मुकदमों में कमी आ जाएगी और सभी के जमीनी विवाद को आसानी से निपटाया जा सकेगा.

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