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संत कबीर नगर: राशन कोटा को लेकर प्रधान और सेक्रेटरी पर लगे आरोप - राशन कोटा

उत्तर प्रदेश के संत कबीर नगर में गांव मोहीउद्दीनपुर की ग्राम सभा बनने के बाद यहां के नए कोटे का चयन होना है. इसको लेकर बैठक होनी है. लेकिन प्रधान बैठक टाल रहे हैं. उम्मीदवारों का आरोप है कि सेक्रेटरी और प्रधान जानबूझकर कोटे के चयन में लापरवाही बरत रहे हैं.

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ग्रामीणों ने लगाया ग्राम प्रधान पर आरोप.

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Published : Jan 3, 2020, 4:56 PM IST

Updated : Sep 10, 2020, 12:22 PM IST

संत कबीर नगर:जिले के गांव मगहर मोहीउद्दीनपुर के कोटे की खुली बैठक का कार्यक्रम रखा गया था. आरोप है कि ग्राम प्रधान और ग्राम पंचायत अधिकारी की सांठगांठ की वजह से कोटे की बैठक को स्थगित कर दिया गया. वहीं कोटे के चयन में आए उम्मीदवार के साथ ही सभी ग्रामीण मायूस होकर वापस लौट गए.

ग्रामीणों ने लगाया ग्राम प्रधान पर आरोप.

जिले के गांव मगहर मोहीउद्दीनपुर में पिछले कई महीनों से राशन कोटा निरस्त है. राशन कोटा तय करने के लिए छह महीने से बैठक बुलाई जा रही हैं और सभी निरस्त कर दी गईं. इसकी वजह से अभी तक सरकारी गल्ले की दुकान का चयन नहीं हो सका है. शुक्रवार को कोटे के चयन के लिए ग्राम सभा की आंगनबाड़ी केंद्र में खुली बैठक होनी थी. लेकिन ग्राम प्रधान बैठक को गांव के अंदर एक मस्जिद के पास कराना चाहते थे. कोटा चयन के चार उम्मीदवारों में तीन उम्मीदवार और ग्रामीण आंगनवाड़ी केंद्र के पास ही खुली बैठक के लिए राजी थे. इन दोनों के स्थान चयन को लेकर एक बार फिर बैठक निरस्त कर दी गई. इसके बाद तीनों उम्मीदवार और ग्रामीणों ने प्रधान और सेक्रेटरी पर आरोप लगाया है कि दोनों ने जानबूझकर कोटे के चयन को निरस्त करवा दिया है.

इस पूरे मामले पर ग्राम पंचायत अधिकारी आनंद मोहन ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को खारिज कर दिया. अधिकारी ने कहा कि ग्रामीण और चार में तीन उम्मीदवार आंगनवाड़ी केंद्र के पास खुली बैठक कराना चाहते हैं. वहीं ग्राम प्रधान इसके लिए राजी नहीं हुए, जिसकी वजह से इस बैठक को स्थगित कर दिया गया. सक्षम अधिकारी से बात कर खुली बैठक के लिए आगे की तारीख तय की जाएगी.

बैठक को जानकर निरस्त कर रहे प्रधान

  • शुक्रवार को कोटे के चयन के लिए मोहीउद्दीनपुर ग्राम सभा के आंगनबाड़ी केंद्र पर खुली बैठक होनी थी.
  • वहीं बैठक आंगनबाड़ी केंद्र पर न कराकर ग्राम प्रधान गांव के अंदर एक मस्जिद के पास कराना चाहते थे.
  • कोटा चयन के चार उम्मीदवारों में तीन उम्मीदवार और ग्रामीण आंगनवाड़ी केंद्र के पास ही खुली बैठक के लिए राजी थे.
  • उम्मीदवारों के मुताबिक सेक्रेटरी और प्रधान की मिलीभगत से जानबूझकर इस कोटे के चयन को निरस्त करवा दिया गया है.
  • इस पूरे मामले पर ग्राम पंचायत अधिकारी आनंद मोहन ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को खारिज किया है.

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Last Updated : Sep 10, 2020, 12:22 PM IST

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