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सूखी नहरों से किसान परेशान, गेहूं की सिंचाई पर गहराया संकट

यूपी के भदोही जिले में नहरों में पानी न होने की वजह से किसानों के भारी समस्या का सामना करना पड़ रहा है. किसानों का कहना है कि विभागीय रोस्टर से नहर चालू होने तक गेंहू की फसल काफी काफी हद तक प्रभावित हो सकती है.

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Published : Dec 14, 2020, 1:22 PM IST

नाले में तब्दील नहर.
नाले में तब्दील नहर.

भदोही: जिले में किसानों को नहर में पानी न होने की वजह से भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. गेहूं की पहली फसल में सिंचाई न होने की वजह से संकट खड़ा हो गया है. नहरों में पानी न होने से 10,000 हेक्टेयर गेहूं की फसल की सिंचाई बाधित हो रही है. इसको लेकर किसानों में चिंता बढ़ गई है. विभागीय रोस्टर से नहर चालू होने तक फसल का विकास काफी हद तक प्रभावित हो सकता है. जिले में 50 से 55,000 हेक्टेयर में रबी की खेती की गई है. इसमें 44,000 हेक्टेयर गेहूं जबकि 11,000 हेक्टेयर दलहन, तिलहन, आलू जैसी फसलें शामिल हैं. यहां नलकूप किसानों की सिंचाई के मुख्य साधन हैं, लेकिन जिले में नहर के बेतरतीब रोस्टर से किसान काफी परेशान हैं.

सरकार की लापरवाही की वजह से खाद, बीज, जुताई जैसी परेशानियां भी किसानों के सामने आ रही हैं. किसानों ने किसी तरह खेत में गेहूं की बुआई तो कर दी है, लेकिन पानी न होने की वजह से उनके सामने समस्या खड़ी हो गई है. सिंचाई को लेकर किसान इस समय काफी चिंतित हैं, क्योंकि माइनर पूरी तरीके से सूख गई है. रबी सीजन में ज्ञानपुर से पूर्वांचल के भदोही, प्रयागराज, मिर्जापुर और वाराणसी के हजारों किसानों फायदा मिलता है. क्षेत्रफल देखें तो यह नहर 62,000 बीघे कृषि भूमि को सिंचित करती है. 15 से 25 नवंबर के बीच ही नहर में पानी छोड़ने की बात सामने आ रही थी, लेकिन नहर विभाग की लापरवाही की वजह से अभी तक नहरों में पानी नहीं है.

अधिशासी अभियंता ने बताया कि सफाई के लिए 2 महीने तक नहर को बंद कर दिया जाता है. उन्होंने बताया कि 26 दिसंबर को नहर में फिर से पानी छोड़ दिया जाएगा, लेकिन सबसे बड़ी समस्या यह है कि हर साल की तरह इस साल भी विभाग नहरों में पानी छोड़ने में लापरवाही बरत रहा है.

इस संबंध में किसान हरे राम का कहना है कि अगर खेत की नमी चली गई उसके बाद नहरों से पानी आया तो इससे गेहूं की फसल काफी प्रभावित होगी. उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि हर साल अपने रोस्टर समय पर लागू करें और किसानों को पानी मिल जाए. हरे राम का कहना है कि यह 1 साल नहीं, बल्कि हर साल की समस्या है. इसको सरकार हर साल नजरअंदाज कर देती है.

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