संतकबीरनगर बेसिक शिक्षा कार्यालय का निरीक्षण करने पहुंचे जिलाधिकारी प्रेमरंजन सिंह. संतकबीरनगर: उत्तर प्रदेश के संतकबीरनगर जनपद के बेसिक शिक्षा कार्यालय पर बुधवार को अचानक जिलाधिकारी प्रेमरंजन सिंह एसडीएम और भारी पुलिस बल के साथ पहुंच गए. डीएम ने कार्यालय में पहुंचते ही बीएसए को कार्यालय के गेट से बाहर कर दिया. कार्यालय पर अचानक हुई इस कार्रवाई से हड़कंप मच गया. इस दौरान डीएम ने कई फाइलों की जांच भी की.
दरअसल, जिलाधिकारी प्रेमरंजन सिंह को बीते कई दिनों से बीएसए कार्यालय में भ्रष्टाचार और अनियमितता की शिकायत मिल रही थी. इस पर बुधवार को जिलाधिकारी प्रेम रंजन सिंह का कार्रवाई का हंटर चला. डीएम द्वारा बीएसए कार्यालय पर की गई छापेमारी से बेसिक शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया. 10 बजते ही जिलाधिकारी प्रेम रंजन सिंह अपने साथ दो एसडीएम के साथ बीएसए कार्यालय पहुंच गए. साढ़े 10 बजने के बाद भी कार्यालय पर सभी कर्मचारी नहीं पहुंचे थे. इसके बाद डीएम ने पत्रावलियों की गहनता से जांच शुरू की और बीएसए को कार्यालय से बाहर कर दिया.
जांच में पता चला कि तमाम आवश्यक फाइलें कार्यालय से नदारद थीं. फाइलों के रख रखाव में भी नियमों और मानकों का पालन नहीं किया गया था. खासकर रिटायर्ड शिक्षकों की पेंशन और एरियर भुगतान की फाइलों में किए जा रहे खेल का खुलासा भी हुआ. मानक के अनुसार सिर्फ उन्हीं फाइलों का रख रखाव था जो डीएम और सीडीओ कार्यालय को भेजी जानी थी.
जिलाधिकारी ने बताया कि बेसिक शिक्षा विभाग की तमाम शिकायतें कमिश्नर से लेकर शासन स्तर पर पहुंच रही थीं. कार्यालय में घूसखोरी से लेकर लेट लतीफी और स्कूलों में शिक्षकों के नहीं पहुंचने की भी शिकायतें मिली हैं. विभाग के बीएसए और सभी एबीएसए को प्रतिदिन 5 -5 स्कूलों के औचक निरीक्षण करने का निर्देश दिया गया था, उसका भी अनुपालन नहीं हो रहा था. डीएम ने स्पष्ट किया कि सभी परिषदीय विद्यालय पर नजर रखी जाएगी. छापेमारी के दौरान मिली खामियों पर बीएसए से जवाब तलब भी किया जायेगा.
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