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आरक्षण सूची पर उठे सवाल, ग्रामीणों ने डीएम को सौंपा ज्ञापन - ग्राम पंचायत जूरी में 20 वर्षों से की सीट सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित

संत कबीर नगर जिले के बघौली ब्लॉक की ग्राम पंचायत में जारी आरक्षण को बदलने की मांग को लेकर लोगों ने जिलाधिकारी कार्यालय पर पहुंचकर प्रदर्शन किया. इस दौरान ग्रामीणों ने डीपीआरओ के ऊपर सीटों के आरक्षण को लेकर हेरा-फेरी करने का आरोप लगाते हुए डीएम को ज्ञापन सौंपा.

ग्रामीणों ने  डीएम को ज्ञापन सौंपा.
ग्रामीणों ने डीएम को ज्ञापन सौंपा.

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Published : Mar 5, 2021, 6:16 PM IST

संत कबीर नगर: जिले के बघौली ब्लॉक में रहने वाले लोगों ने ग्राम पंचायत में जारी आरक्षण को बदलने की मांग को लेकर जिलाधिकारी कार्यालय पर पहुंचकर प्रदर्शन किया. इस दौरान ग्रामीणों ने डीपीआरओ के ऊपर सीटों के आरक्षण को लेकर हेरा-फेरी करने का आरोप लगाया हैं. आरक्षण नहीं बदले जाने पर ग्रामीणों ने धरना देने की चेतावनी दी है.

ग्रामीणों ने डीपीआरओ पर लगाया आरोप

पंचायत चुनाव को लेकर शासन ने सीटों का आरक्षण जारी कर दिया है. ग्राम पंचायतों में आरक्षण जारी होने के बाद पंचायत चुनाव की सरगर्मियां तेजी से चल रही हैं. आरक्षण को लेकर आपत्ति का भी सिलसिला लगातार चल रहा है. शुक्रवार को जूरी गांव के रहने वाले सैकड़ों ग्रामीण डीएम कार्यालय पहुंचकर ग्राम पंचायत में जारी आरक्षण का विरोध करते हुए प्रदर्शन किया. इस दौरान ग्रामीणों ने डीपीआरओ के ऊपर आरक्षण में हेरा-फेरी करने का आरोप लगाते हुए डीएम को ज्ञापन सौंपा.


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ग्रामीण हीरा लाल मौर्या ने बताया कि ग्राम पंचायत जूरी में लगातार 20 वर्षों से ग्राम पंचायत की सीट सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित हो रही है. जबकि सामान्य पिछड़ी और अनुसूचित की जनसंख्या बराबर है. डीपीआरओ की मदद से वर्तमान ग्राम प्रधान ने ग्राम पंचायत की सीट को एक बार फिर से आरक्षित करवा दिया गया है. इससे अन्य लोगों को चुनाव लड़ने का मौका नहीं मिल पा रहा है. ग्रामीणों ने कहा कि लगातार ग्राम पंचायत की सीट एक ही वर्ग के लिए आरक्षित होना शासन के नियम के विरुद्ध है.

ग्रामीण रामजीवन निषाद ने बताया कि ग्राम पंचायत में कुल जनसंख्या 6 हजार है, इसमें पिछड़ी वर्ग की आबादी 70 प्रतिशत और अनुसूचित जाति की आबादी 15 प्रतिशत है. वहीं सामान्य वर्ग की आबादी 15 प्रतिशत है. आरक्षण के हिसाब से अब के ग्राम पंचायत सीट पिछड़ी या अनुसूचित वर्ग के लिए आरक्षित होनी चाहिए थी, लेकिन प्रशासन की मिलीभगत से सीट के आरक्षण को एक बार फिर से बदल दिया, जो पूरी तरीके से नियम विरुद्ध. ग्रामीणों ने डीएम को शिकायती पत्र देते हुए पूरे मामले में कार्रवाई की मांग की है.

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